लुट रही मनरेगा की निधि, जांच-जांच खेल रहे अफसर!
जागरण संवाददाता फतेहपुर अफसरों का संरक्षण गांव स्तर के कर्मचारियों को न सिर्फ निर्भीक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : अफसरों का संरक्षण गांव स्तर के कर्मचारियों को न सिर्फ निर्भीक बना रहा है, बल्कि वह जालसाज बनकर उभर रहे हैं। ताजा मामला भिटौरा ब्लाक के जगतपुर आदिल गांव का है, यहां राहुल बाजपेई नाम का जाबकार्ड धारक चिल्ला-चिल्ला कर कह रहा है कि उन्होंने मनरेगा में कोई काम नहीं किया है। हृदय का मरीज होने की दलील देकर दस्तावेज दिखा रहा है। लेकिन उनके नाम से हाजिरी लगाकर फर्जी तरह से रुपये लिए जार हे हैं। प्रकरण पर बीडीओ ने जांच की तो शिकायत कर्ता को मजदूर बताकर शिकायत को ही झूठी बता दिया।
अफसरों की ओर से जांच में खेल किया जा रहा है। इससे पंचायत सचिव और रोजगार सेवक अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मनरेगा में वह कैसे भी सेंधमारी करें, जांच दौरान ऐसे कर्मचारियों बचा लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर राहुल बाजपेई ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर 10 अक्टूबर को शिकायत थी। इसका शिकायत नंबर 40017221022034 है। शिकायत में गांव सभा में स्वयं सहित करीब 49 लोगों की फर्जी हाजिरी पर भुगतान किए जाने का मामला उठाया था। आनलाइन की गई इस शिकायत पर जब जब बीडीओ भिटौरा ने जांच की उन्होंने शिकायत पर ही सवाल उठा दिए। जांच करते हुए आनलाइन पोर्टल में रिपोर्ट लगाई कि शिकायत कर्ता मनरेगा मजदूर हैं और इन्होंने कार्यस्थल पर काम किया है। जिसके बदले उन्हें भुगतान किया गया है। सवाल यह है कि जब काम करने वाला ही नकार रहा है तो बीडीओ ने आनलाइन पोर्टल पर ऐसी जांच आख्या क्यों लगाई।
पांच से 10 फर्जी हाजिरी का समझौता!
गांव-गांव मनरेगा से काम हो रहा है। पंचायत सचिव और रोजगार सेवकों के बीच ऐसा समझौता है कि वह हर कार्य स्थल पर पांच से 10 ऐसे जाब कार्ड धारकों की हाजिरी भरें, जिनसे वापसी के तौर पर 50 फीसद राशि मिल सके। मुख्य रूप से इस हाजिरी में रोजगार सेवक के सगे संबंधी व रिश्तेदार ही होते हैं।
सेवरामऊ में फर्जी भुगतान की शिकायत
जगतपुर आदिल के बाद असोथर विकास खंड के सेवरामऊ में मनरेगा से एक नौ माह की गर्भवती के नाम 13 दिन का फर्जी भुगतान करने की शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने कहा कि गर्भवती एक दिन भी काम पर नहीं गई। गांव में इस तरह किए जा रहे लाखों के भुगतान में प्रधान व सचिव को जिम्मेदार माना जा रहा है।
सही से पड़ताल हुई तो खुलेगा लाखों का घपला
जगतपुर आदिल गांव तो उदाहरण मात्र है, अगर हाजिरी की सही जांच हो जाए तो जिले भर में लाखों का खपला खुलकर सामने आएगा। बताते हैं कि इस खेल की जानकारी सचिव, बीडीओ से लेकर मनरेगा योजना के संचालन में जुटी मशीनरी तक है, लेकिन हर कोई आंख मूंदे हुए हैं।