निरक्षर बंदियों में शिक्षा की अलख जगा रहे साक्षर बंदी

जागरण संवाददाता फतेहपुर संपूर्ण साक्षरता मिशन के तहत जेल प्रशासन ने निरक्षर बंदियों का

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 05:30 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 05:30 PM (IST)
निरक्षर बंदियों में शिक्षा की अलख जगा रहे साक्षर बंदी
निरक्षर बंदियों में शिक्षा की अलख जगा रहे साक्षर बंदी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : संपूर्ण साक्षरता मिशन के तहत जेल प्रशासन ने निरक्षर बंदियों का शिक्षित करने की नई पहल शुरू कर दी है। इसमें निरक्षर बंदियों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए 30 शिक्षित बंदियों को लगाया गया हैं जो ज्ञानगंगा पुस्तक से निरक्षर बंदियों को प्रतिदिन भोजन के बाद दोपहर से अपरांह तक तीन घंटे हिदी व अंग्रेजी के शब्दकोष का बोध करा रहे हैं।

जिला कारागार में वर्तमान समय विभिन्न आरोपों में 1600 विचाराधीन बंदी और सजायाफ्ता कैदी निरुद्ध हैं। इसमें 300 युवा, बुजुर्ग व महिलाएं बंदी निरक्षर हैं। साक्षरता मिशन के तहत निरक्षर बंदियों को शिक्षित करने के लिए हत्या, दुष्कर्म, राहजनी, दहेज हत्या, गैंगस्टर आदि में निरुद्ध 30 शिक्षित बंदियों को लगाया गया हैं। बंदियों को शिक्षित करने में शिक्षक अक्षय प्रताप सिंह व शिक्षिकाएं अर्चना सिंह व सीमा सिंह चौहान भी मौजूद रहते हैं। जेलर डा. आलोक शुक्ल ने बताया कि आयोम वेलफेयर सोसायटी संस्थापक शरतमान सिंह व सचिव प्रेरित मान सिंह ने स्क्रीन प्रोजेक्टर मुहैया कराकर सराहनीय कार्य किया है इसी प्रोजेक्टर स्क्रीन के जरिए कारागार परिसर में निरक्षर बंदियों को शिक्षित करने का काम किया जा रहा है। वहीं टूथ मिशन स्कूल की ओर से साक्षरता किट जैसे ज्ञानवर्धक पुस्तक, पेसिल, पेन, नोटबुक दी गई है जिसे निरक्षर बंदियों को पढ़ने के लिए मुहैया करा दी गई है। ये बंदी जगा रहे शिक्षा की अलख

निरुद्ध बंदी पंकज अवस्थी, अमरीश कुमार, वीरेंद्र सिंह, गौरव मिश्रा, पुष्पा यादव, अरुण गुप्ता, लक्ष्मीकांत सेंगर, विवेक शुक्ला, रत्नेश कुमार मिश्रा, अनिल सिंह, वीरन, बृजेश कुमार, रामवीर समेत तीस ऐसे शिक्षित हैं। इन्हें जेल शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ निरक्षर बंदियों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी की दी गई है। संपूर्ण साक्षरता मिशन कार्यक्रम के तहत 300 निरक्षर बंदियों को शिक्षित करने की जिन 30 शिक्षित बंदियों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें प्रतिदिन तीन घंटे का पारिश्रमिक करने पर 40 रुपये दिए जा रहे हैं। ये रुपये इन बंदियों के खाते में प्रतिमाह भेजा जाएगा। निरक्षर बंदियों में युवा, बुजुर्ग व महिलाएं शामिल हैं।

- मो. अकरम खान, जेल अधीक्षक।

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