शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

संवाद सहयोगी खागा जीटी रोड स्थित एक मैरिज हाल में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा में शुक्रव

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:42 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:42 PM (IST)
शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता
शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

संवाद सहयोगी, खागा : जीटी रोड स्थित एक मैरिज हाल में चल रही संगीतमय श्रीराम कथा में शुक्रवार को कथावाचक ने शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। अंत में वृंदावन धाम से आए कलाकारों ने शिव विवाह की झांकी सजाकर प्रस्तुत किया।

कथावाचक आचार्य सुशील महाराज ने कहा, धनार्जन के माध्यम से लोग अपना कल सुरक्षित कर लेते हैं, परमात्मा की भक्ति में समय नहीं दे पाते हैं। शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कथावाचक ने बताया कि पार्वती जब बड़ी हुईं तो पर्वतराज हिमालय को उनकी शादी की चिता सताने लगी। एक दिन देवर्षि नारद पर्वतराज हिमालय से मिलने पहुंचे। जहां उन्होंने माता पार्वती को देखने के बाद उन्हें भगवान शिव के योग्य बताया। बरात में भूत-पिशाच, सांप, बिच्छुओं के झुंड देखकर लोग भयभीत हो गए। विवाह की रस्म दौरान आरती का दीपक बुझने पर भगवान शंकर ने प्रश्न किया। इसका उत्तर देते हुए दीपक ने कहा था जिसके सिर पर स्वयं चंद्रमा विराजमान हो, वहां पर मेरी कोई आवश्यकता नहीं है। यजमान पप्पू केसरवानी, तारा देवी, संदीप केसरवानी, सुभाष केसरवानी व बड़ी संख्या में महिलाएं रहीं।

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