किसान सभा ने विरोध प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन
संवाद सहयोगी खागा नए कृषि कानूनों पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश किसान सभा के पदाधिकारि
संवाद सहयोगी, खागा: नए कृषि कानूनों पर चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश किसान सभा के पदाधिकारियों ने तहसील मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए सरकार को आड़े हाथ लिया। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम प्रह्लाद सिंह को देते हुए संगठन पदाधिकारियों ने तीनों कानून रद्द करने की मांग की।
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में किसान सभा के पदाधिकारियों ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने गलत तरीके से तीनों कृषि बिल तैयार किए हैं। तीनों कृषि कानून किसानों के हित में नहीं हैं। पूंजीपतियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर इन्हें बनाया गया है। वक्ताओं का कहना था कानून के तहत किसान, कंपनियों की मर्जी से खेती करने को मजबूर होंगे। बाजार में आम जनता को आवश्यक वस्तुओं के लिए मंहगाई से जूझना पड़ेगा। बैठक को सबोधित करते हुए अधिवक्ता मोतीलाल ने कहा कि उक्त तीनों कानून किसानों के साथ ही आम जन के लिए भी नुकसानदायक हैं।अध्यक्ष राधेरमण पांडेय ने कहा कि उप्र किसान सभा देश में जारी आंदोलन का समर्थन करती है। किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी के तहत दिलाए जाने की मांग की गई। रामप्रकाश, रामकृष्ण हेगड़े, काम. राकेश प्रजापति, फूलचंद्र पाल, सुमेर सिंह, रामचंद्र आदि रहे। उधर शहर के सिचाई विभाग के निरीक्षण भवन में किसानों का धरना जारी रहा। जिला पंचायत सदस्य बबलू कालिया, मनीष पटेल, वीरेंद्र सिह पटेल, सिद्धार्थ, शैलाब सिंह ने कहा कि जब कृषि कानून वापस नहीं होते धरना जारी रहेगा।