विवाहिता की हत्या में पति व सास को 10-10 वर्ष की सजा

जागरण संवाददाता फतेहपुर जिला जज ओपी तिवारी की अदालत ने विवाहिता को कुएं में धकेल मार

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 07:34 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 07:34 PM (IST)
विवाहिता की हत्या में पति व सास को 10-10 वर्ष की सजा
विवाहिता की हत्या में पति व सास को 10-10 वर्ष की सजा

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जिला जज ओपी तिवारी की अदालत ने विवाहिता को कुएं में धकेल मार डालने के मामले की सुनवाई की और पति व सास को दस-दस वर्ष की सजा और 6-6 हजार रुपये अर्थदंड अदा करने का आदेश दिया है। इसमें अर्थदंड की कुल राशि से 10 हजार रुपये वादी को अदा करने होंगे।

बांदा के बबेरू थाना क्षेत्र के जगदीश त्रिपाठी ने 6 मई 2013 को किशुनपुर थाने के कुंआगांव मजरे रेवाड़ी के धनंजय उर्फ रोहित दुबे के साथ बहन की शादी की थी। शादी के बाद चार माह तक ससुराल में सब कुछ ठीक रहा। इसके बाद 50 हजार नकदी व बाइक की मांग करने लगे। न मिलने पर विवाहिता के साथ मारपीट करते थे। 7 जुलाई 2014 को धनंजय मां के कहने पर पत्नी को बाजार ले गया और चकमा देकर उसे कुंए के पास ले जाकर धकेल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। वही ससुरालीजनों ने विवाहिता के भाई को सूचना दी, कि व मायके कहकर घर से निकली है। जब वह नहीं पहुंची तो जगदीश बहन के ससुराल पहुंचा और उसके बारे में पूछताछ की। संतोषजनक जवाब न दे पाने पर थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मामले की छानबीन की तो गांव से कुछ दूर एक कुएं विवाहिता का शव मिला। इसी के बाद भाई की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत ने पति धनंजय व सास कृष्णा देवी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता अनिल दुबे ने साक्ष्य पेश किए।

दहेज हत्या में पति को 7 वर्ष की सजा

फास्ट ट्रैक द्वितीय अपर जिला जज अर्चना त्रिपाठी की अदालत ने दहेज हत्या के मामले की सुनवाई की और हत्यारोपित पति महेंद्र गौतम को सात वर्ष की सजा व 5 हजार रुपये अर्थदंड अदा करने का आदेश दिया है। घटना धाता थाने के भदरियापुर गांव की 22 अक्टूबर 2017 की है। कौशांबी के कौशियापुर गांव निवासी युवती रेखादेवी की शादी उक्त युवक के साथ तय दहेज देकर स्वजन ने घटना से एक वर्ष पहले किया था। इसमें ससुरालीजनों की पिटाई के दौरान विवाहिता के पेट में लग गई, घटना के वक्त विवाहिता गर्भवती थी। जिससे विवाहिता बेहोश हो गई। इस पर ससुरालीजन उसे अस्पताल ले गए जहां पर डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। दिवंगत के पिता ने दामाद, ससुर, सास पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।

अदालत ने सुनवाई के दौरान सास व ससुर को रिहा कर दिया, जबकि पति को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुना दिया। अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता धर्मेद्र उत्तम ने दलील पेश की।

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