सरकारी ओपीडी बंद, इलाज के लिए भटक रहे मरीज

जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना की महामारी चरम पर है इसका यह कतई मतलब नहीं कि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 07:24 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 07:24 PM (IST)
सरकारी ओपीडी बंद, इलाज के लिए भटक रहे मरीज
सरकारी ओपीडी बंद, इलाज के लिए भटक रहे मरीज

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना की महामारी चरम पर है, इसका यह कतई मतलब नहीं कि अन्य तरह की बीमारियां खत्म हो गईं है। सरकारी अस्पतालों में कोविड के चलते ओपीडी बंद है, ऐसे में नॉन कोविड मरीजों के उपचार का संकट खड़ा हो गया है। निजी क्लीनिक और डायग्नोसिस सेंटरों में जहां भारी भीड़ उमड़ रही है, तो वही सरकारी चिकित्सकों ने आपदा में अवसर तलाशते हुए घर में ही फीस लेकर मरीज देखना शुरू कर दिया है।

जिला अस्पताल में नॉन कोविड मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी एक हजार से ऊपर होती रही हैं, जबकि सीएचसी-पीएचसी में भी हर दिन दो से तीन हजार नॉनकोविड मरीज पहुंचते रहे हैं। अब कोरोना के कारण सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद हो गयी है तो उपचार का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में शहर के क्लीनिक और डायग्नोस सेंटरों में उपचार के लिए भीड़ लग रही है, जहां चिकित्सक मनमाना पैसा वसूल रहे हैं। अंधेर तो यहां तक है कि सौ से दो सौ रुपये तक फीस लेने वाले निजी डॉक्टर मरीज को हाथ तक नहीं लगाते बल्कि दूर से ही लक्षण पूछ कर जांच लिखकर दवाएं दिख दे रहे हैं। हालातों का फायदा उठाते हुए सरकारी चिकित्सकों ने भी आपदा में अवसर खोज लिया है और अपने अपने घर में ही फीस लेकर यह मरीज देख रहे हैं। ट्रामा सेंटर आएं मिलेगा ओपीडी लाभ : सीएमएस

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ प्रभाकर ने बताया कि शासन के निर्देश पर ओपीडी बंद है, लेकिन जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में दो कक्षों में इमरजेंसी ओपीडी चलाई जा रही है। इनमें प्रतिदिन के लिए डॉक्टर भी तैनात है। कोई भी मरीज यहां अपने आप को दिखाकर अस्पताल से निश्शुल्क दवाएं ले सकता है। इसके लिए कोई पाबंदी नहीं है। सीएचसी और पीएचसी में प्रसव केस लेंगे : डिप्टी सीएमओ

डिप्टी सीएमओ एसपी जौहरी ने बताया कि सीएचसी और पीएचसी में ओपीडी बंद है, लेकिन प्रसव व इमरजेंसी केस हर अस्पताल में लिए जाएंगे। अगर कोई सीएचसी पीएचसी ऐसे केस लेने से मना करता है तो उसकी शिकायत करें हम ऐसे अस्पतालों के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करेंगे।

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