हौसले से मिला मुकाम, खेती ने बढ़ाई शान
जागरण संवाददाता फतेहपुर हौसले व तकनीक के बल पर किसानों ने खेत-किसानी को ऐसे मुकाम
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : हौसले व तकनीक के बल पर किसानों ने खेत-किसानी को ऐसे मुकाम में पहुंचाया कि युवाओं को दिशा मिलने लगी। नवाचार खेती की ओर बढ़े कदमों से जिले में इस समय बड़े क्षेत्रफल में केला, पपीता, सब्जी व मसाला की खेती होने लगी है। सहफसली खेती व सहगामी क्रियाकलापों के जरिए यमुना व गंगा कटरी के गांवों में भी व्यवसायिक खेती रोजगार का बेहतर विकल्प बनकर उभरी है। जैविक, व जीरो बजट की खेती करने कुछ किसानों ने जिले को ही नहीं प्रदेश की खेती का नया आयाम दिया है।
आकांक्षात्मक जिलों की नीति आयोग ने ओवरऑल डेल्टा रैंकिग किया तो फतेहपुर जिले को कृषि और जल संसाधनों में अच्छी रैंक हासिल हुई है। जिले को इस कामयाबी के लिए तीन करोड़ रुपये का पुरस्कार विकास कार्यों के लिए मिला है। कृषि प्रधान जिले में पिछले एक दशक से खेती के कदम लगातार आगे बढ़ रहे है। विकास खंड अमौली, मलवां, बहुआ, हसवां में किसान उत्पादक संगठन बने तो किसानों के खेत तक तकनीक के साथ सुविधाएं पहुंचने लगी। गंगा व यमुना कटरी के गांवों में भी उन्नतिशील खेती होने लगी तो ग्रामीणों को रोजगार मिलने लगा। सिचाई में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए किसानों ने टपक सिचाई व स्प्रिंकलर पद्धति को अपनाया। जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि टपक व स्प्रिंकलर से सिचाई करने पर अस्सी फीसद पानी की बचत होती है।
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हर ब्लाक में बनेगा एफपीओ
- उपकृषि निदेशक बृजेश सिंह ने बताया कि हर ब्लाक में किसान उत्पादक संगठन का पंजीयन कराया जाएगा। यह किसानों की अपनी कंपनी होगी जिसमें वह उत्पादित माल का भंडारण बिक्री, खरीद कर सकते हैं। विकास खंड अमौली में खेत-किसान, मां भारती, बहुआ में आकांक्षा कृषक प्रोड्यूशर, मलवां में उत्कर्ष कृषक उत्पादक, हसवां में प्रगतिशील नाम से एफपीओ कार्य कर रहे है।
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जैविक जिला का प्रस्ताव बना
- पिछले साल राज्यपाल आनंदी बेन ने दो दिवसीय भ्रमण में प्रगतिशील किसानों से मुलाकात कर किसानी के हाल जाने तो वह जिले को जैविक जिला घोषित करने की पहल की। शासन ने जैविक जिला के लिए प्रस्ताव जिला प्रशासन से मांगा है। नीति आयोग की ग्रेडिग में जिले का मिले स्थान से यह उम्मीद बढ़ गई है कि कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।