धान खरीद में फर्जीवाड़ा, केंद्र प्रभारी व बिचौलियों पर मुकदमा

जागरण संवाददाता फतेहपुर डीएम संजीव सिंह के निर्देश पर असोथर ब्लाक में यूपीएग्रो के दईमऊ धान केंद्र प्रभारी पंचम सिंह समेत अज्ञात बिचौलियों पर धोखाधड़ी समेत कई धाराओं पर असोथर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।डिप्टी आरएमओ ने धान खरीद में फर्जीवाड़े की शिकायत पर जांच की थी जिसमें पाया कि कई किसानों के खाते में बिना धान की तौल कराए ही धन पहुंच गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 12:18 AM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:09 AM (IST)
धान खरीद में फर्जीवाड़ा, केंद्र प्रभारी व बिचौलियों पर मुकदमा
धान खरीद में फर्जीवाड़ा, केंद्र प्रभारी व बिचौलियों पर मुकदमा

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : डीएम संजीव सिंह के निर्देश पर असोथर ब्लॉक में यूपीएग्रो के देईमऊ धान केंद्र प्रभारी पंचम सिंह समेत अज्ञात बिचौलियों पर धोखाधड़ी समेत कई धाराओं पर असोथर थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। डिप्टी आरएमओ ने धान खरीद में फर्जीवाड़े की शिकायत पर जांच की थी, जिसमें पाया कि कई किसानों के खाते में बिना धान की तौल कराए ही धन पहुंच गया। इसकी विवेचना थाने की पुलिस ने शुरू कर दी है।

असोथर ब्लॉक के देईमऊ में यूपीएग्रो का धान क्रय खोला गया था। जिसमें धान की तौल में फर्जीवाड़े की शिकायत कई किसानों ने डीएम से की थी। इस पर डिप्टी आरएमओ ने टीकर गांव जाकर मामले की जांच-पड़ताल की। जिसमें कई किसान ऐसे पाए गए जिन्होंने धान की तौल कराई ही नहीं और उनके खाते में धन पहुंच गया। इससे धान खरीद के अन्य केंद्रों के प्रभारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

शासन से धान खरीद के मिले लक्ष्य 1.10 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 95 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद 68 केंद्रों के माध्यम से की गई है। मामले पर डिप्टी आरएमओ रमेश कुमार ने बताया कि धान खरीद में फर्जीवाड़े का मुकदमा देईमऊ केंद्र प्रभारी समेत अज्ञात बिचौलियों पर करा दिया है। कहा कि धान की तौल मार्केटिग के 8 क्रय केंद्रों में 29 फरवरी तक की जाएगी। कहा कि धान खरीद में फर्जीवाड़ा कर धान की तौल करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। कहा कि यदि परिधि में आए तो कार्रवाई तय है।

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699 क्विटल धान की हुई फर्जी तौल

- हसवा ब्लॉक के टीकर गांव के तीन किसानों के नाम पर 699 क्विटल धान फर्जीवाड़ा करके तौल कराई गई है और शासन के घोषित समर्थन मूल्य के तहत खाते में रकम भी भेज दी गई। इस तरह के आठ किसानों की शिकायत आई थी, जिसमें जांच दौरान फर्जीवाड़े में तीन किसान पकड़ में आए हैं। बताते हैं कि यदि ठीक तरीके से इसकी जांच कर ली जाए तो और भी मामले उजागर हो सकते हैं।

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