43 परिषदीय स्कूलों में पटरी से उतरी शिक्षा व्यवस्था

जागरण संवाददाता फतेहपुर बेसिक शिक्षा विभाग के नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों की हालत

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:52 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:52 PM (IST)
43 परिषदीय स्कूलों में पटरी से उतरी शिक्षा व्यवस्था
43 परिषदीय स्कूलों में पटरी से उतरी शिक्षा व्यवस्था

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बेसिक शिक्षा विभाग के नगर क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों की हालत खस्ताहाल है। शिक्षकों की कमी के चलते पठन-पाठन व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। बंदिशों के चलते विभाग भी चाह कर भी शिक्षकों की कमी का पुरसाहाल नहीं कर पा रहा है। तैनाती पाए शिक्षक कई कई स्कूलों के संचालन का जिम्मेदारी उठा रहे हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग में मुख्यालय और बिदकी तहसील क्षेत्र के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय शहरी (नगर) क्षेत्र में आते हैं। इनकी संख्या 43 है जिसमें महज 40 शिक्षक-शिक्षिकाएं और 19 शिक्षामित्रों की तैनाती है। कंपोजिट और प्राथमिक विद्यालयों के यह खेवनहार बने हुए हैं। दो दशक से शहरी क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों की हालत खराब होती जा रही है। शासन भी इन विद्यालयों की दशा को ठीक करने के लिए कोई गाइड लाइन नहीं बना रहा है। प्रत्येक वर्ष शिक्षक-शिक्षिकाएं रिटायर्ड होते जा रहे हैं और शिक्षकों का टोटा बढ़ता जा रहा है। बचे हुए शिक्षकों को अतिरिक्त भार देकर काम चलाया जा रहा है। ऐसे में नौनिहालों की शिक्षा बदहाल होती जा रही है। तमाम योजनाओं से संतृप्त विद्यालयों से अभिभावकों का मोह भंग होता जा रहा है। व्यवस्था पर एक नजर

क्षेत्र : मुख्यालय

कंपोजिट स्कूल : 20

प्राथमिक स्कूल : 15

उच्च प्राथमिक : 1

शिक्षकों की संख्या : 39

शिक्षामित्र : 13

क्षेत्र : बिदकी

कंपोजिट स्कूल : 6

प्राथमिक स्कूल : 1

शिक्षकों की संख्या : 1

शिक्षामित्र : 6 नगर क्षेत्र में नई नियुक्ति प्रतिबंधित

अन्य विभागों की तुलना में बेसिक शिक्षा विभाग में नई भर्तियां खूब हुई हैं। बीते तीन साल में करीब 3,000 सहायक अध्यापक मिले हैं। यह भी ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति पाए हैं। असल में शासनादेश है कि नई नियुक्ति शहरी क्षेत्र में नहीं की जा सकती है। इसलिए चयनितयों को ग्रामीणांचल के स्कूल थमा दिए जाते हैं। इससे शहरी परिषदीय स्कूलों में लगातार हर वर्ष सेवानिवृत्त व्यवस्था के चलते शिक्षकों का टोटा होता जा रहा है। कंपोजिट किए जाने से शिक्षक विहीन का दाग हुआ कम

शासन ने एक व्यवस्था बनाई है कि एक ही कैंपस में चलने वाले विद्यालयों को कंपोजिट कर दिया जाए। यानि की कि कक्षा एक से छह तक का विलय कर दिया जाए। शहरी क्षेत्र में 10 विद्यालयों का विलय कर दिया गया है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में जिसकी छात्र संख्या अधिक होगी उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक को वित्तीय चार्ज सहित तमाम अन्य जिम्मेदारी देकर मुखिया बनाया गया है। ऐसे में विद्यालयों के विलय होने से शिक्षकों की कमी ढक गई है। शासन की नीति के अनुसार स्थानीय स्तर पर नगर क्षेत्र के विद्यालयों में नई नियुक्ति नहीं होती है। प्रत्येक वर्ष शिक्षक-शिक्षिकाएं रिटायर्ड हो रहे हैं। शहरी और ग्रामीण में बांटे गए परिषदीय स्कूलों की खाईं को कई बार खत्म करने की चर्चा आई है। अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जितने शिक्षक-शिक्षिकाएं और शिक्षामित्र हैं उनसे काम चलाया जा रहा है।

शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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