टोकन देकर फंसा विभाग, भटक रहे आठ हजार किसान

जागरण संवाददाता फतेहपुर गेहूं खरीद के बचे चार दिनों में हालात ऐसे खराब हो रहे है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 08:38 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 08:38 PM (IST)
टोकन देकर फंसा विभाग, भटक रहे आठ हजार किसान
टोकन देकर फंसा विभाग, भटक रहे आठ हजार किसान

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : गेहूं खरीद के बचे चार दिनों में हालात ऐसे खराब हो रहे है कि विभाग संभाल नहीं पा रहा है। खुद अपनी ही चाल में विपणन विभाग समेत अन्य खरीद एजेंसियों फंसती जा रही है। टोकन देने के बाद किसानों का गेहूं न खरीदना अब केंद्रों को भारी पड़ रहा है। मौसम खराबी के साथ केंद्रों डंप हजारों क्विंटल गेहूं की तौल कराने के लिए किसानों ने मलवा समेत कई केंद्रों में हंगामा किया ।

बिचौलियों से खरीद का कोटा पूरा करने वाले केंद्र प्रभारी किसानों का रुख देखकर परेशान है। असोथर, थरियांव, मलवा समेत दो दर्जन केंद्रों में किसानों के साथ बड़ी संख्या में बिचौलिए भी डेरा डाले है। गेहूं बेंचने के लिए जिले के बीस हजार किसानों ने पंजीकरण कराया और इन किसानों की फसल का सत्यापन होने के बाद खरीद केंद्रों ने टोकन जारी कर दिया। इसके बाद भी आठ हजार किसानों का गेहूं नहीं तौला गया। जब खरीद के मात्र तीन दिन बचे तो किसान दबाव बनाना शुरू कर दिया। विभाग के पास इस बात का जवाब नहीं है कि टोकन जारी करने के बाद गेहूं की तौल क्यों नहीं की। खरीद का सत्यापन यदि कर लिया जाए तो बिचौलियों से खरीद की पोल खुल जाएगी। केंद्रों में अब लगी गईं ई-पाश

गेहूं खरीद में खेल करने की रणनीति कहे या फिर ठेका लिए संस्था की मनमानी गेहूं खरीद में बिचौलियों का दखल रोकने के लिए ई-पाश मशीनें तब लगाई गई जब 95 प्रतिशत गेहूं की खरीद कर ली गई है। डिप्टी आरएमओ रमेश कुमार ने कहा कि शनिवार को जिले के 54 केंद्रों में ई-पास मशीनें लगा दी गई है , देरी के सवाल पर कहा कि जिस संस्था को काम मिला था उसी ने देर से लगाई है। कहा कि प्रयास यही है कि टोकन वाले किसानों के गेहूं की तौल कर ली जाए। नए किसान भी पहुंच रहे

बिदकी मंडी समिति में नए किसानों को प्रवेश खोल दिया गया। बुधवार को मंडी समिति के मार्केटिग क्रय केंद्र में साढ़े तीन हजार क्विंटल गेहूं डंप था, इस कारण क्रय केंद्र में नए किसानों को रोक दिया गया था। शनिवार को दोपहर बाद डंप गेहूं की तौल पूरी हुई। जिन किसानों को बुलाया गया था, उनको गेहूं के साथ प्रवेश दिया गया और इसके बाद गेट पर फिर ताला बंद कर दिया गया है।

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