सीसीटीवी कैमरे में अपराध जिदा, फाइलों में दफन
केस -1 बकेवर कस्बा में राजन ज्वैलर्स की सराफा दुकान का 14 दिसंबर 2017 को शटर काटकर
केस -1 : बकेवर कस्बा में राजन ज्वैलर्स की सराफा दुकान का 14 दिसंबर 2017 को शटर काटकर चोर करीब 40 लाख के सोने-चांदी के आभूषण उड़ा ले गए थे। दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में चोरी करते समय तीन नकाबपोश चोर भी कैद हुए थे जिन्हें पुलिस आज तक नहीं ढूंढ सकी। सराफा मालिक हरीश गुप्ता की रिपोर्ट पर पुलिस डेढ़ वर्ष तक राजफाश को माथापच्ची करती रही। आखिर में राजफाश न होने पर पुलिस ने थकहार कर वर्ष 2019 में एफआर (अंतिम रिपोर्ट) लगाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
केस-2: शहर के वर्मा तिराहा स्थित खालसा मोबाइल शॉप में 20 जून 2021 की रात पीछे से रोशनदान की खिड़की तोड़कर चोर 14.60 लाख रुपये नकद व 12 लाख रुपये के 80 एंड्रायड मोबाइल फोन चोरी कर ले गए थे। यहां भी एक चोर चेहरा बांधे सीसीटीवी फुटेज में दिखा।इसके बावजूद पुलिस घटना का राजफाश नहीं कर सकी। हालांकि मोबाइल सेटों का आइएमइआइ (इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आइडेंटटिटी) ट्रैस होने से लोकेशन मिलने पर सर्विलांस टीम सिक्किम व मणिपुर पुलिस से संपर्क कर जांच पड़ताल में जुटी है।
केस 3- किशनपुर कस्बा निवासी सराफा व्यवसायी संदीप अग्रवाल ने कस्बा के राम देवालय मंदिर परिसर में ज्वैलर्स की दुकान खोल रखी है। गत 18 मई 2018 को इनकी दुकान में रात को शटर काटकर चोर करीब 17 लाख रुपये के जेवरात चोरी कर ले गए थे। इस घटना में भी तीन-चार चोर सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए थे लेकिन अभी तक पुलिस घटना का राजफाश नहीं कर सकी। अतिशीघ्र पुलिस इस घटना में भी एफआर लगा सकती है।
केस 4 : जहानाबाद कस्बा में मुरली ज्वैलर्स में मनोज कश्यप के यहां 20 जुलाई की रात नकबजनी कर 20 लाख की सनसनीखेज चोरी हुई। जिसमें तीन-चार चोर सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में दिखे और एक चोर का चेहरा भी खुला था। उसके बावजूद पुलिस अभी तक घटना का राजफाश नहीं कर सकी। हालांकि पुलिस इस समय बांवरिया गिरोह के दो संदिग्धों को उठाकर अतिशीघ्र राजफाश का दावा कर रही है।
........................
- बकेवर व किशनपुर की चोरियां पुलिस के लिए बनी चुनौती
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सराफा व्यवसायियों व दुकानों में ताबड़तोड़ घटनाएं कर शातिर चोर लाखों रुपये के आभूषण व सामान उड़ाकर चंपत भी हो गए। सीसीटीवी कैमरे में चोरों की पूरी गतिविधियों के साथ उनके चेहरे भी कैद हो गए लेकिन उसके बावजूद पुलिस व सर्विलांस की संयुक्त टीम अभी तक संदिग्धों से पूछताछ तक ही सीमित रही। यहां तक कि कुछ घटना में पुलिस ने एफआर लगा दी और कई घटनाओं की फाइलें ठंडे बस्ते में पड़ी हुईं हैं।
जिले के सदर कोतवाली, बकेवर, खागा, किशनपुर, अमौली आदि जगह जहां भी सनसनीखेज चोरियां व घटनाएं हुईं। उन घटनाओं का राजफाश पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। ऐसा नहीं है कि पुलिस काम नहीं कर रही है। घटनाओं के राजफाश के लिए पुलिस फतेहपुर समेत कानपुर, बांदा, कौशांबी, उन्नाव आदि पड़ोसी जिलों में जाकर संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ तक ही सीमित रही। यहां तक कि जेल से छूटकर आए संदिग्ध चोरों से भी पूछताछ की लेकिन नतीजा सिफर रहा।
खास बात ये है कि जिन घटनाओं में पुलिस कैमरे में कैद चोरों का हुलिया नहीं पहचान पा रही है, उन चेहरों की पहचान के लिए सर्विलांस टीम विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भी नहीं भेज रही है ताकि चोरों को पहचान कर घटनाओं का राजफाश किया जा सके। -------
सर्विलांस टीम प्रभारी सुनील यादव कहते हैं कि सीसीटीवी फुटेज में यदि चोरों का हुलिया नहीं पता चल पा रहा है तो उस सीसीटीवी के डीवीआर की पैनड्राइव निकालकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा जाता है लेकिन अभी तक उनके संज्ञान में कोई पैनड्राइव लखनऊ लैब नहीं भेजी गई है। घटनाओं के राजफाश के लिए पुलिस व सर्विलांस टीम अपने स्तर से काम कर रही है।
--------
जहानाबाद कस्बा में मुरली ज्वैलर्स की चोरी राजफाश के नजदीक है। इसी तरह अन्य घटनाओं पर भी पुलिस संदिग्धों से पूछताछ कर राजफाश का प्रयास कर रही है। एफआर लगने का मतलब केस को बंद करना नहीं होता है बल्कि यदि कभी भी कोई सुराग मिलता है तो एफआर लगाने के बाद भी मामला खोलकर उस घटना का राजफाश किया जाता है।
-राजेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक।