60 दिन में भागा कोरोना, अब मात्र .02 फीसद संक्रमण दर
जागरण संवाददाता फतेहपुर मार्च और अप्रैल का महीना तो आपको याद ही होगा जब हर तरफ क
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मार्च और अप्रैल का महीना तो आपको याद ही होगा, जब हर तरफ कोरोना की दहशत फैली थी। लगातार मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा था, और पॉजिटिव मरीजों में मृत्यु दर भी बढ़कर डेढ़ फीसद पहुंच गई थी। जिले में ट्रिपल टी (ट्रेसिग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट) का ही दम था कि 60 दिनों में जिले से कोरोना न सिर्फ भाग गया, बल्कि संक्रमण दर भी साढ़े तीन फीसद से घटकर .02 फीसद आ गई है।
कोरोना की रोकथाम में मुख्य रूप से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गठित निगरानी समितियां और 57 ट्रेसिग टीमें रहीं। इन टीमों का बीते 60 दिन में काम यही रहा कि कोरोना के संदिग्ध की पहचान करना और उसकी जांच कराना। मुख्य रूप से गांवों में उन लोगों पर नजर रखी गई जो गैर राज्यों से आवागमन कर रहे थे। कोरोना की पहचान हो सके इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने हर जिला पुरुष, जिला महिला, तीन अरबन पीएचसी व चार मोबाइल टीमों के अलावा हर ग्रामीण पीएचसी व सीएचसी में जांच की सुविधा दे रही थी। जिले में भले ही हर दिन जांच का लक्ष्य शासन से चार हजार निर्धारित किया लेकिन जिले और ज्यादा जांचे की। बीते साठ दिनों में हर दिन जिले में जांच का औसत छह हजार रहा। चार अस्पतालों में उपचार की सुविधा
कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल में पीक पर थी, उस समय जिले में कोरोना जैसे लक्षण वाले रोगियों के लिए जिला अस्पताल और पाजिटिव रोगियों के लिए थरियांव सीएचसी और गंभीर रोगियों के लिए खागा व बिदकी अस्पताल को चालू किया था। इसका नतीजा रहा है कि मरीजों को उपचार की बेहतर सुविधा मिली। जांच व ट्रेसिग पर अब भी जोर
कोरोना की रोकथाम के लिए अब भी जांच व ट्रेसिग का काम चालू है। 13 ब्लाकों में चार-चार ट्रेसिग टीमें काम कर रहीं है। एक मरीज पर 40 संपर्क वालों की जांच की जा रही है। जबकि हर दिन छह हजार जांचे की जा रही है।
डा. केके श्रीवास्तव कोरोना प्रभारी स्थिति पर एक नजर
काम का प्रकार-------- अप्रैल की स्थिति----------जुलाई की
संक्रमण दर-------------3.5 फीसद ---------------.02 फीसद
संक्रमित में मृत्युदर---1.5 फीसद----------------.01 फीसद
कोरोना ट्रेसिग ------30 प्रति केस--------------40 प्रतिकेस
कोरोना टेस्टिग------4500 प्रतिदिन-------------6000 प्रतिदिन