फतेहपुर में दुर्लभ रुद्रवंती को सहेजेगा सीमैप

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By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 07:22 PM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 07:22 PM (IST)
फतेहपुर में दुर्लभ रुद्रवंती को सहेजेगा सीमैप
फतेहपुर में दुर्लभ रुद्रवंती को सहेजेगा सीमैप

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : केंद्रीय औषधीय व सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) अब दुर्लभ प्रजाति की औषधि रुद्रवंती का संरक्षण करेगा। खागा तहसील के मंक्षिलगांव स्थित कुंडेश्वर शिव मंदिर के पास झील में पाए जाने वाले इस पौधे के फूलों के बारे में मान्यता है कि यह टीबी जैसी बीमारियों का खात्मा करते हैं। क्षेत्रीय लोगों की मांग पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसे सहेजने के निर्देश दिए तो सोमवार को उद्यान विभाग लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. विजय बहादुर द्विवेदी ने रुद्रवंती का परीक्षण कर रिपोर्ट सीमैप को भेजी है।

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मंदिर के पास झील में होती पैदावार

कुंडेश्वर शिव मंदिर जिसके बारे में यह मान्यता है कि लंकाधिपति रावण ने इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी। पुरातत्व विभाग ने प्राचीन शिलालेख के आधार पर इसकी पुष्टि की है कि नाग वंश ने मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर से सटी 15 हेक्टेयर की झील के आसपास चने के पेड़ की तरह की औषधि रुद्रवंती उगती है।

टीबी के इलाज को लोग ले जाते फूल

इसमें सफेद रंग के फूल होते हैं। ग्रामीण मानते हैं कि शरीर को शीतलता देने वाली रुद्रवंती नपुंसकता, क्षय, भूख न लगना जैसे बीमारियों में राहत देती है। इस औषधि को लेने के लिए मध्यप्रदेश, झारखंड, हरियाणा आदि प्रांतों से लोग आते हैं।

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अब रंग लाया तीन वर्षो का संघर्ष

दुर्लभ औषधि के संरक्षण के लिए चिंतित ओम घाट के संत स्वामी विज्ञानानंद बीते तीन वर्षो से सावन में जल-औषधि यात्रा निकालते हैं। वह झील के कब्जे हटाकर रुद्रवंती को संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं। इस अभियान में लगे समाजसेवी राजेंद्र साहू ने बताया कि अब डिप्टी सीएम के निर्देश पर शासन से आई टीम ने सर्वे किया और माना कि यह औषधीय पौधा है जो हिमालय व पहाड़ी क्षेत्रों में मिलता है।

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हिमालय में पाया जाने वाला औषधीय पौधा रुद्रवंती दो रूप में मंक्षिलगांव में मिला है। इस पर शोध, प्रचार-प्रसार तथा आय अर्जन के लिए पैदावार बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अब इसके संरक्षण पर सीमैप लखनऊ ही कार्ययोजना तय करेगा।

डॉ. विजय बहादुर द्विवेदी, संयुक्त निदेशक (शाकभाजी) निदेशालय, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उप्र

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