सावधान! बारिश में शहर फिर बनेगा टापू
जागरण संवाददाता फतेहपुर अभी भले ही मानसून नहीं आया है लेकिन मौसम ने करवट बदला तो बा
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: अभी भले ही मानसून नहीं आया है, लेकिन मौसम ने करवट बदला तो बारिश शुरू हो गयी है, लेकिन शहर की जलनिकासी व्यवस्था फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं है। नालों का निर्माण, मरम्मत और सफाई का काम पूरा न होने के कारण एक बार फिर बरसात के दिनों में शहरियों को जलभराव के संकट से जूझना लगभग तय हो चुका है।
जलनिकासी समस्या से निपटने के लिए नौ साल पहले ड्रेनेज योजना से शुरू हुआ कार्य अभी भी अधूरा है। विभाग ने कार्य पूरा करने के लिए 10 करोड़ रुपये की मांग की है।
वर्ष 2011 में शहर की बहु प्रतीक्षित ड्रेनेज योजना को हरी झंडी मिली थी। पहले यह योजना 23 करोड़ की स्वीकृत हुई, लेकिन लेट लतीफी के चलते इसका स्टीमेट दो बार रिवाइज हो चुका है। इसके चलते अब मौजूदा समय में इसे बनाने के लिए कुल 37 करोड़ की आवश्यकता है। शहर में जलभराव की समस्या से निजात मिले इसके लिए इसका निर्माण दो साल पहले शुरू हो गया था, लेकिन पहले अतिक्रमण विवाद और बाद में बजट की कमी ने काम रुक-रूक के हुआ। 2020 तक काम पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण काम पूरा नहीं हुआ। योजना के तहत दो बड़े नाले बनाए जाने हैं। नाला नंबर एक अवंतीबाई चौराहे से शुरू होकर गढ़ीवा के उस पार होकर बेरूई हार तक जाना था। जबकि नाला नंबर दो गोपाल नगर से शुरू होकर शांतिनगर होते हुए बेरूईहार पहुंचना था। इन दोनों नालों में शहर के छोटे-छोटे 44 नालों को कनेक्ट किया जाना है, लेकिन अधूरे निर्माण के कारण निर्मित हुए नालों से पानी निकलकर शहर के बारह नहीं जा पा रहा है। ऐसे में जलभराव से इस बार फिर जूझना पड़ेगा।
हमको अभी चाहिए 10 करोड़ रुपये: एक्सईएन
एक्सईएन जल निगम अब्दुल खालिद ने बताया कि 60 फीसद ड्रेनेज योजना काम पूरा कर लिया गया है, लेकिन बजट न होने के कारण काम रूका है। दरअसल निर्माण संस्था से हमने एडवांस के तौर पर चार करोड़ का काम करा लिया है। अब संस्था काम करने के लिए हाथ खड़े कर रही है। बजट जल्दी मिले इसके लिए चीफ इंजीनियर के जरिए शासन को पत्राचार कराया है।
तुरंत बजट मिला तब भी होगा जल भराव
इस बारिश शहर में जल भराव की समस्या से जूझना पड़ेगा, चूंकि जल निगम की ड्रेनेज योजना को अभी तुरंत बजट भी मिल जाए तो अवशेष कार्य पूरा नहीं कराया जा सकता। विभागीय सूत्रों की माने तो अभी अगर निर्माण शुरू कराया जाएगा तो कम से कम आठ माह बाद ही यह काम पूरा हो पाएगा।