596 गरीब बने पशुपालक, दूध बेच कमा रहे मुनाफा
जागरण संवाददाता फतेहपुर जिनके पास बकरी खरीदने तक की सामर्थ्य नहीं है आज वह मजदूर पश्
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: जिनके पास बकरी खरीदने तक की सामर्थ्य नहीं है, आज वह मजदूर पशुपालन बनकर मुनाफा कमा रहे हैं। अब तक 596 गरीब ऐसे हैं, जिन्होंने मुख्यमंत्री सहभागिता योजना का सहारा लेकर गोशाला से सहभागिता योजना की गाय हासिल की है। घर में गाय आई तो दूध की किल्लत जहां खत्म हो गई तो वहीं चारा-दाना के लिए सरकार से नौ सौ रुपये खाते में आ रहे है।
गोशाला में बढ़ रहे गोवंश को कम करने के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री सहभागिता योजना शुरू की है। इस योजना के तहत गोशाला से इच्छुक व्यक्ति को गाय प्रदान की जाती है। एक किसान चार गाय तक ले सकता है, गाय के साथ उसे बछड़े व बछिया को भी प्रदान किया जाता है। प्रति गाय के चारा-दाना के लिए प्रतिमाह 900 रुपये अनुदान देती है। बदले में पशुपालक को कुछ भी नहीं देना होता है। ऊपर से पशु पालन विभाग दी जाने वाली गाय की इयर टैगिग करते हैं, ताकि पशुपालक दूध न देने पर गाय को छोड़ न सके। पशु मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके शर्मा ने बताया कि जिले में अब तक 596 मजदूरों को गाय प्रदान की गयी है। जिन्हें प्रतिमाह अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।
45 रुपये में बिकता गाय का दूध
महेश कुमार बताते हैं कि वह सलेमाबाद गोशाला से गाय लाए थे। गाय के चारा-दाना को नौ रुपये मासिक अनुदान मिलता है। साथ ही गाय सुबह-शाम मिलाकर पांच लीटर दूध देती है, जो कि 45 रुपये में घर से ही बिक जाता है। वह एक लीटर दूध अपने प्रयोग को रखते हैं और तीन लीटर की बिक्री कर प्रतिदिन करीब 150 रुपये का मुनाफा कमाते हैं।
कोई भी आए हम देंगे निश्शुल्क गाय: सीवीओ
सीवीओ डॉ. आरके शर्मा का कहना है कि गोशाला में इस समय 3900 गोवंश हैं। कोई भी व्यक्ति गाय लेने की इच्छा प्रकट करता है तो हम उसे गोशाला से निश्शुल्क गाय प्रदान करेंगे। किसान गाय लेकर अपने घर सेवा करे और उससे होने वाले दूध का उपयोग करे।