16 गोशालाओं में रोपी गईं 51 हजार नेपियर घास की गांठें
जागरण संवाददाता फतेहपुर हरे चारे की किल्लत से जूझ रही गोशालाओं में अब हरे चारे क
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : हरे चारे की किल्लत से जूझ रही गोशालाओं में अब हरे चारे की कमी नहीं होगी, और न ही गोशाला समिति को हरे चारे की खरीद के लिए सरकारी पूंजी खर्च करनी होगी। पहले चरण में बोई गई नेपियर घास की सफलता के बाद बुधवार को दूसरे चरण में 16 गोशालाओं में नेपियर घास की 51 हजार गांठे लगाने का आगाज हो गया। मलवां ब्लाक की रावतपुर गोशाला से गांठ की बुआई कर डीएम अपूर्वा दुबे व सीडीओ सत्य प्रकाश ने दूसरे चरण का शुभारंभ किया।
पिछले माह में दस गोशालाओं में करीब दस हजार नेपियर घास लगाई गई थी। अब यह घास चारा बनने के करीब पहुंच गई। पहले चरण की सफलता को देखते हुए प्रशासन ने 16 गोशालाओं में घास लगवाई है। घास लगवाने के लिए एसडीएम व बीडीओ की मदद से 47 बीघे सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया था। डीएम ने कहा, नेपियर घास पशुओं को हरे चारे का बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा कि एक बार बोने के बाद यह घास कई वर्षों तक चलती है। इसकी जैसे जैसे कटाई होती है, पीछे से फिर बढ़ने लगती है। सीडीओ सत्य प्रकाश ने कहा कि गोशाला में हरे चारे का प्रबंध होने से पशुओं को स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा और वह सेहतमंद होंगे। साथ ही बड़ी बात यह है कि गोशाला समितियों को चारे की व्यवस्था में धन खर्च करने में कमी आएगी। उधर अन्य गोशालाओं में एसडीएम व बीडीओ ने संयुक्त रूप से मिलकर नेपियर घास बोई। यहां पर बीडीओ प्रतिमा वर्मा, पंचायत सचिव राघवेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। हर गांठ का ढाई रुपये भुगतान
नेपियर घास इस बार प्रशासन ने उन किसानों से सीधे ली है, जो इस गांठ को तैयार करते है। गांठ तैयार करने वाले अधिकांश किसान जिले की है। प्रत्येक गांठ का ढाई रुपये की दर से भुगतान किया गया है। पिछले बार यह गांठ कृषि विज्ञान केंद्र थरियांव ने उपलब्ध कराई थी। खरीदी गई घास का भुगतान गोशाला समितियां चारा मद से कर रहीं है। बारिश के वजह से अधूरा, आज फिर होगी रोपाई
कई गोशालाओं में बारिश के कारण नेपियर घास की रोपाई शत-प्रतिशत नहीं हो पाई। मात्र कुछ-कुछ गांठें लगाकर अभियान का हिस्सा मात्र ही बने। सीडीओ सत्य प्रकाश ने बताया कि जिन गोशालाओं में घास नहीं लग पाई है। वहां अगले दिन लगाई जाएगी। कहां लगी कितनी घास और एरिया
ब्लाक का नाम---------गोशाला का नाम-----------क्षेत्रफल
भिटौरा---------------रारा---------------------------6 बीघा
हथगाम--------------नहवइया---------------------1 बीघा
मलवां----------------रावतपुर-----------------------3 बीघा
असोथर---------------देवलान व लिलरा-----------10 बीघा
हसवा----------------रामपुर थरियांव--------------8 बीघा
तेलियानी---सलेमाबाद, मंसूर-मोधन व असवार----12 बीघा
विजयीपुर------अंजना भैरव व मझटेनी-----------2 बीघा
बहुआ----शाह, बनरसी, घनीपुर, अयाह, करसूमा---5 बीघा
-उपरोक्त गोशालाओं में कुल 51 हजार गांठे रोपी जा रहीं हैं।