44 हजार प्रवासी श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट

जागरण संवाददाता फतेहपुर रोजगार छूटने से महानगरों से गांव लौट कर आए 44 हजार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 08:50 PM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 08:50 PM (IST)
44 हजार प्रवासी श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट
44 हजार प्रवासी श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : रोजगार छूटने से महानगरों से गांव लौट कर आए 44 हजार प्रवासियों के सामने रोजगार का बड़ा संकट खड़ा है। सरकार के भले ही यह निर्देश है कि हर गांव में मनरेगा से कार्य शुरू कराकर काम मांगने वालों को गांव में काम दिया, लेकिन गांव में यह तस्वीर धुंधली है। ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्ति होने के बाद मनरेगा पूरी तरह से औंधे मुंह गिर गई। इस समय जिले के 95 फीसद गांवों में मनरेगा के काम ठप चल रहे है।

कोरोना की दूसरी लहर ने श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है। मनरेगा से हर गांव में काम शुरू कराकर सभी को रोजगार देने के शासन के निर्देशों का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। इस समय शहर व कस्बों में निजी व सरकारी निर्माण रूके होने से श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है। मनेरगा के तहत जिले में 3 लाख 10 हजार श्रमिकों के जॉबकार्ड बने हुए है। जिसमें कोरोना के कारण काम-धंधा छोड़कर आए 44 हजार प्रवासी भी शामिल है। स्थानीय स्तर पर रोजगार की चाहत रखने वाले प्रवासी गांव में काम न मिलने मायूस है। मांगने पर मिलेगा काम

मनरेगा उपायुक्त पुतान सिंह ने कहा कि खंड विकास अधिकारियों को हर गांव में मनरेगा के काम शुरू कराने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं। कहा, प्रवासी श्रमिकों के जॉबकार्ड बने है, काम मांगने पर यदि किसी को काम नहीं मिल रहा तो वह शिकायत दर्ज करा सकता है।

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