जांच में 21 आरओ प्लांट अवैध मिले, संचालन पर रोक
जागरण संवाददाता फतेहपुर आरओ प्लांट और डिब्बा वाले मिनरल वाटर का व्यवसाय जिले में खूब
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: आरओ प्लांट और डिब्बा वाले मिनरल वाटर का व्यवसाय जिले में खूब फल फूल रहा है। अंधेर यह है कि जिले संचालित किसी भी प्लांट के पास कोई अधिकृत लाइसेंस नहीं है। अब प्रशासन ने जल का दोहन करने वाले इन प्लांटों पर शिकंजा कस दिया है। जांच में चर्चित 21 आरओ प्लांट को अवैध करार देते हुए संचालन पर रोक लगा दी गई है, साथ ही जिले भर में संचालित सभी प्लांटों को संचालन की दशा में तीन तरह के लाइसेंस 45 दिन के अंदर लेने की अनिवार्यता लागू की गई है।
बीते दिनों मंडलायुक्त संजय गोयल ने आरओ प्लांट के अवैध संचालन का संज्ञान लिया था और इनकी जांच कराने का निर्देश डीएम अपूर्वा दुबे को दिया था। डीएम ने जांच के लिए सहायक अभियंता लघु सिचाई को लगाया था। उन्होंने जिले के 21 आरओ प्लांट की जांच की। यह वह आरओ प्लांट हैं, जिनका जगह-जगह पर प्रचार है। जांच दौरान सभी बिना किसी अधिकृत लाइसेंस के संचालित पाए गए। जबकि अब तक किसी भी संचालित प्लांट ने लघु सिचाई विभाग से नहीं ली है।
प्लांट चलाने वालों को यह लाइसेंस लेने होंगे
-मिनरल वाटर या पैकेज की विक्री के लिए बीआईएस (ब्यूरो आफ इंडियन स्टंडर्ड) प्रमाण पत्र लेना होगा।
-फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथार्टी आफ इंडिया न्यू दिल्ली से प्रमाण पत्र लेना होगा।
-बोरिग धारकों को जल दोहन की एनओसी व अनुमति प्रमाण पत्र भूगर्भ विभाग से लेना होगा। अवैध संचालन पर यह होगी कार्रवाई
-नियम का पालन न करने पर दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा।
-जुर्माना के साथ 3 वर्ष का कारावास का भी प्रावधान है।
-नियम पूरे न करने पर संचालित पाए जाने पर सीजर व मुकदमा होगा। 45 दिन में पूरे करें मानक: डीएम
डीएम अपूर्वा दुबे ने बताया कि जांच में किसी भी आरओ प्लांट के पास अधिकृत अनुमति या प्रमाण पत्र नहीं मिले है। 45 दिनों का मौका इस व्यवसाय से जुड़कर लाभ कमाने वालों को दिया गया है। इस अवधि में सभी मानक पूरे करने होगे। अगर कोई मानक पूरे नहीं करता है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।