जब विवरण ही नहीं तो कैसे होगा संपत्ति का डिजिटलाइजेशन
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद भले ही सरकार ने शहर व नगरीय क्षेत्र में संपत्तियों का डिजिटल
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भले ही सरकार ने शहर व नगरीय क्षेत्र में संपत्तियों का डिजिटलाइजेशन करने के लिए 17 अंकों का यूनिक कोड बनाने के निर्देश दिए हों, लेकिन नगर पालिका फर्रुखाबाद के रिकार्डों में संपत्तियों का विवरण ही नहीं है।
शहर व नगरीय क्षेत्र में यूनिक कोड जारी करने के पीछे सरकार की मंशा डिजिटल इंडिया की मंशा पूरी करना बताया जा रहा है। 17 नवंबर को शासन ने सभी निकायों को पत्र जारी कर मकान व अन्य संपत्ति का यूनिक कोड जारी करने का आदेश दिया था। इससे नगरपालिका परिषद में खासी हलचल है। दरअसल नगरपालिका ने शहर में 1972 से टैक्स में संशोधन नहीं किया है। जिससे पालिका करीब 25 हजार मकानों से ही जलकर व गृहकर वसूल कर रही है। हाल ही में जल निगम ने पानी के नए कनेक्शन घरों में किए हैं। जलनिगम ने पालिका को करीब पांच हजार नए कनेक्शन की सूची सौंपी है। जिससे पालिका उन भवनों को भी टैक्स के दायरे में लाने की योजना बना रही है। जबकि शहर में भवनों की संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा यही है। जिससे पालिका के लिए यूनिक कोड जारी करने को नए सिरे से सर्वे करना होगा। 17 अंक के यूनिक कोड नंबर से शहर व नगरीय क्षेत्र के मकान, प्लाट आदि संपत्ति का पूर्ण विवरण आनलाइन हो जाएगा और किस व्यक्ति के नाम देश भर में कहां कितनी संपत्ति है। इसका विवरण एक क्लिक से ही पता चल सकेगा।
पालिका को खंगालने होंगे जर्जर रिकार्ड
नगर पालिका के रिकार्ड रूम में मकानों का विवरण रजिस्टर में ही दर्ज है। रजिस्टर जर्जर हालत में है। खस्ताहाल अभिलेखों को खंगालना मुश्किल भरा काम है।
यूनिक कोड से ऑनलाइन जमा कर सकेंगे टैक्स
अधिशासी अधिकारी रविद्र कुमार ने बताया कि यूनिक कोड डिजिटल इंडिया में बड़ी भूमिका निभाएगा। 17 अंक का यूनिक कोड जारी होने से लोग अपनी संपत्ति का पूर्ण विवरण घर बैठे देख सकेंगे और ऑनलाइन टैक्स भी जमा कर पाएंगे। यह अच्छी योजना है। पालिका के कर अधीक्षक व राजस्व कर्मियों आदेश पर कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है।