मच्छरों की ताकत पर बेअसर प्रशासन के हथियार

- संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत फागिग व एंटी लार्वा का छिड़काव - पहले चरण में निराल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:23 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:23 PM (IST)
मच्छरों की ताकत पर बेअसर प्रशासन के हथियार
मच्छरों की ताकत पर बेअसर प्रशासन के हथियार

- संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत फागिग व एंटी लार्वा का छिड़काव

- पहले चरण में निराला नगर व गंगा नगर कालोनी में चलाया अभियान जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर में मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हो रहा है, जबकि नगर पालिका की ओर से फागिग व एंटी लार्वा का छिड़काव कराए जाने का दावा किया जा रहा है। मंगलवार को विशेष संचारी रोग अभियान के तहत मोहल्ला गंगा नगर कालोनी व निराला नगर में सफाई अभियान चलाया गया।

नगर पालिका परिषद हर माह करीब 100 लीटर मैलाथियान खर्च कर रही है। जिला मलेरिया विभाग की ओर से पालिका को मैलाथियान उपलब्ध कराई जाती है। एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी हो रहा है, फिर भी मच्छर कम नहीं हो रहे हैं। पालिका के पास फागिग की मात्र दो बड़ी व चार छोटी मशीनें हैं, जबकि एंटी लार्वा दवा के छिड़काव के लिए कोरोना काल में मंगवाई गई 40 स्प्रे मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। मच्छरों का प्रकोप खत्म न होने से लोग पालिका के सफाई अभियान पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अधिशासी अधिकारी रविद्र कुमार ने बताया कि हकीकत यह है कि मच्छरों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जा रही है। पहले 10 प्रतिशत मैलाथियान डीजल में मिलाई जाती थी, अब 14 प्रतिशत मिलाई जा रही है। इसके बावजूद मच्छर मर नहीं रहे, बेहोश हो जाते हैं। समस्या यह है कि अधिक मैलाथियान का प्रयोग करने पर बच्चों पर उसका दुप्रभाव पड़ने की आशंका बनी रहती है। वह महीने में करीब 100 लीटर मैलाथियान खर्च कर रहे हैं। इसे डीजल में मिलाकर फागिग कराई जा रही है। नियमानुसार एक मोहल्ले में 15 दिन बाद फागिग होती है।

chat bot
आपका साथी