घरों में भरता उफनाए नाले का पानी

वार्ड संख्या - चार (नानक नगर) वार्ड में शामिल मोहल्ले- नगला नैन, भोलेपुर, होली मोहल्ला, विश्वक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Jan 2018 10:34 PM (IST) Updated:Sun, 28 Jan 2018 10:34 PM (IST)
घरों में भरता उफनाए नाले का पानी
घरों में भरता उफनाए नाले का पानी

वार्ड संख्या - चार (नानक नगर)

वार्ड में शामिल मोहल्ले- नगला नैन, भोलेपुर, होली मोहल्ला, विश्वकर्मापुरी, बेवर रोड, ठाकुरद्वारा, स्नेहनगर, अंबेडकर कालोनी।

वार्ड में मतदाता- 6500

वार्ड की आबादी- लगभग 20 हजार।

वार्ड की पहचान- राजकीय पालीटेक्निक विद्यालय।

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जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : वर्षो से नालों की सफाई न होने और मोहल्ले के तालाब में हुए अतिक्रमण के कारण जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जब नाले और तालाब उफनाते हैं तो लोगों के घरों में पानी भर जाता है। बरसात के दौरान ऐसा लगता है कि मोहल्ला किसी नदी के किनारे बसा हो। शहर का हिस्सा कहा जाने वाले इस वार्ड की कई कच्ची गलियां इसे गांव से भी बदतर बनाती हैं। नगर पालिका करोड़ों रुपये का बजट पेयजल व्यवस्था पर खर्च करने का दावा करती है, लेकिन इस वार्ड के कई मोहल्लों को पेयजल के लिए भटकना पड़ता है।

यहां बात कर रहे हैं फर्रुखाबाद शहर के वार्ड संख्या चार नानकनगर की। यह पालिका क्षेत्र के बड़े वार्डो में शुमार किया जाता है। इसके बावजूद यहां के लोग अपेक्षित विकास से वंचित हैं। मोहल्ला नानकनगर में पटियावाली गली से भखरामऊ की ओर जाने वाला नाला यहां के लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है। काफी समय से इस नाले की सफाई नहीं हुई है। इस कारण गंदगी से लबालब है। धीरे-धीरे इस नाले पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया तो सफाई के लिए जेसीबी मशीन भी नहीं पहुंच सकती है। राजनीतिक हानि-लाभ के मद्देनजर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने अतिक्रमण हटवाने की भी जहमत नहीं उठाई। इस वजह से लोगों की दिक्कत और भी बढ़ गई। कहीं पक्का तो कहीं कच्चा नाला यहां पर बसे लोगों को हर साल परेशान करता है। इसी वार्ड में भोलेपुर में पालीटेक्निक के पीछे स्थित तालाब की दशा भी खराब है। जल संरक्षण के लिए तालाबों के सुंदरीकरण की योजना सरकार चलाती है, लेकिन इसकी सूरत तब भी नहीं सुधर सकी। इस तालाब के काफी बड़े रकबे में माफिया ने कब्जा कर मकान बना लिए हैं। जो तालाब की जमीन बची है, वह लबालब भरी है।तालाब के पानी की निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण बरसात में यह तालाब उफनाता है तो घरों में पानी भरता है। इसी वार्ड की कई गलियां भी कच्ची हैं। कहीं छोटा-मोटा विवाद है तो कहीं कुछ और अड़चने बताई जाती हैं।

बाशिंदों का दर्द

''नाला पक्का न बनने से गंदगी जमी होती है। बरसात में जलभराव होता है तो घरों के अंदर तक गंदा पानी भरता है। रास्ता भी बंद हो जाता है। खुले नाले में बच्चों के गिरने का भी भय रहता है।''

- अंजली जाटव।

''नाले की सफाई एक वर्ष पहले हुई थी। कुछ कर्मचारी आए थे, वह कचरा बाहर निकालकर वहीं छोड़ गए। धीरे-धीरे कचरा वापस नाले में चला गया। अतिक्रमण के कारण नाला सिकुड़ गया है।''

- अंजू देवी।

''तालाब को लेकर बड़ी समस्या है। जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। कई बार मवेशी इसमें गिरकर मर चुके हैं। कई बार नगर पालिका में शिकायत की, लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं हुआ।''

- मनोज कुमार सक्सेना।

''तालाब की सफाई करवाकर इसका सुंदरीकरण कराया जाए। इससे कब्जे हटवाकर जलनिकासी की व्यवस्था हो। मोहल्ले की कच्ची गली का निर्माण कराने के लिए कई बार पालिका को पत्र भेजा है।''

- आनंद प्रकाश यादव।

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''वार्ड में नाले की बड़ी समस्या है। नाला निर्माण के लिए टेंडर हुआ था। उसके बाद अतिक्रमणकारियों ने नाला निर्माण का विरोध कर दिया था। उसके बाद निर्माण कराया ही नहीं गया। वार्ड की कच्ची गलियों के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है। नगल नैन में पेयजल के लिए नई पाइप लाइन का भी प्रस्ताव दिया है।''

- सुरेंद्र ¨सह, सभासद।

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