जांच के नाम पर दबा पड़ा है 1.95 करोड़ घोटाले का एक और मामला

संवाद सहयोगी कायमगंज कायमगंज नगर पालिका परिषद में करोड़ों के गबन व नियुक्ति घोटाला के

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 10:44 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 10:44 PM (IST)
जांच के नाम पर दबा पड़ा है 1.95 करोड़ घोटाले का एक और मामला
जांच के नाम पर दबा पड़ा है 1.95 करोड़ घोटाले का एक और मामला

संवाद सहयोगी, कायमगंज : कायमगंज नगर पालिका परिषद में करोड़ों के गबन व नियुक्ति घोटाला के आरोपित पूर्व अधिशासी अधिकारी व पूर्व लेखाकार के ही कार्यकाल में 1.95 करोड़ घोटाले का एक और मामला जांच के नाम पर दबा पड़ा है।

पिछले वर्ष मई माह में सभासद पूजा शुक्ला, रूबी गिरि व आमिर खां ने नगर पालिका में शिकायत की थी कि वर्ष 2013-14 में तत्कालीन अधिशासी अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव, तत्कालीन प्रभारी लेखाकार रामसिंह व कुछ अन्य के नामों से चेक निर्गत कर नगर पालिका के बैंक खाता संख्या 11233380122 से करीब दो करोड़ रुपये निकाले गए। इस शिकायत के साथ ही दो अप्रैल 13 से 21 मार्च 14 तक विभिन्न तिथियों में जारी की गई 65 चेकों के नंबर व धनराशि का विवरण भी संलग्न किया गया। जिसके मुताबिक 1.55 करोड़ की धनराशि प्रमोद श्रीवास्तव के नाम से व 26.04 लाख की धनराशि रामसिंह के नाम से निकाली गई। इसके अलावा इसी अवधि में अरसद, किशनपाल, संजीव कुमार व सुभाष चंद्र के नाम से भी करीब 13.23 लाख सहित कुल 1.95 करोड़ की धनराशि निकाले जाने का उल्लेख कर जांच की मांग की गई, लेकिन एक वर्ष के अधिक बीत जाने के बाद भी इस मामले में कुछ भी नहीं हुआ। आज भी नगर पालिका प्रशासन इस बारे में कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। सूत्र बताते हैं कि इस गंभीर मामले में पूरा रिकार्ड ही गायब कर दिया। सभासदों के मुताबिक जांच के नाम घोटाले दबा दिए जाते हैं, इसलिए उन्होंने मांग की है कि शासन नगर पालिका के घोटालों की जांच सीबीआइ से कराए। जिससे वस्तुस्थिति साफ हो। नगर पालिका के वर्तमान लेखाकार रामभवन यादव ने बताया कि उन्हें पिछले कार्यकाल का अधिकांश रिकार्ड चार्ज में मिला ही नहीं है। इसलिए वह उक्त चेकों की धनराशि के बारे में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं। अधिशासी अधिकारी सीमा तोमर ने बताया कि इस मामले में शिकायत आने के बाद जिला स्तर पर कोई जांच कमेटी बनी थी। जिसमें कोषाधिकारी व उप जिलाधिकारी जांच को आए थे व रिकार्ड मांगा था, जो उपलब्ध नहीं था, यह बात उन्हें बता दी गई। इसके बाद क्या हुआ यह उन्हें नहीं पता। वहीं नगर पालिका में उजागर हुए घोटाले जिसमें तत्कालीन ईओ व लेखाकार के निलंबन के बाद लेखाकार नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए। कोतवाली में दर्ज एफआइआर में दोनों अभियुक्त बने हैं। इस मामले में पुलिस की विवेचना जारी है। पुलिस के मुताबिक मुकदमे में कुछ और लोग भी फंस सकते हैं। नगर पालिका की वर्तमान ईओ सीमा तोमर ने तत्कालीन लेखाकार रामसिंह के खिलाफ अनियमित भुगतानों के अभिलेख गायब कर देने, अभिलेखों में धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेजों से 42 कर्मचारियों को अनियमित तरीके से विनियमितीकरण व सरकारी धन को बड़ी क्षति पहुंचाने की जो एफआइआर दर्ज कराई थी। उसमें अब तक की विवेचना के आधार पर तत्कालीन अधिशासी अधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव तो आरोपित बन ही चुके हैं।

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