गंगा का जलस्तर घटा पर ग्रामीणों की मुश्किलें नहीं हुई कम
संवाद सहयोगी अमृतपुर (फर्रुखाबाद) गंगा का जलस्तर घटने के बाद भी गांव व घरों में बाढ़ का
संवाद सहयोगी, अमृतपुर (फर्रुखाबाद) : गंगा का जलस्तर घटने के बाद भी गांव व घरों में बाढ़ का पानी भरा होने से ग्रामीणों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलकर व नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। घरों में पानी भरा होने से ग्रामीण सड़क के किनारे व मकान की छतों पर पालीथिन के नीचे परिवार के साथ गुजर करने को मजबूर हैं। चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग पर बाढ़ का पानी तेज धार से बहने से आवागमन बाधित है। वहीं, रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से अभी 65 सेमी के ऊपर स्थिर है।
मंगलवार को गंगा का जलस्तर पांच सेमी घटकर समुद्र तल से 137.05 मीटर ऊंचाई पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 75,113 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 65 सेंटीमीटर ऊपर 137.75 मीटर पर स्थिर है। खोह, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 11046 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा की बाढ़ का पानी हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, नगला दुर्गु, कछुआ गाढ़ा, राजाराम की मड़ैया, सुंदरपुर, भुड़रा, पंखियन नगला, सैदापुर, पट्टी भरखा, जिठौली, भुड्डन की मड़ैया, आशा की मड़ैया, चित्रकूट, अंबरपुर की मड़ैया, गौटिया, उदयपुर, कंचनपुर, सबलपुर, बमियारी, बरुआ, नगरिया जवाहर, लायकपुर, जगतपुर, जोगराजपुर, रामपुर, माखन नगला, बनासीपुर, करनपुर घाट, मिश्रन पुरवा, सरह, सवासी, कुडरी सारंगपुर, जटपुरा कैलियाई, फुलहा, रामप्रसाद नगला, चपरा, अमैयापुर व गुडेरा गांव में भरा है। घरों में बाढ़ का पानी भर जाने से पंखियन नगला, पट्टी भरखा, हरसिंहपुर कायस्थ, अंबरपुर की मड़ैया व रतनपुर के ग्रामीण मकान की छतों व सड़क के किनारे पालीथिन के नीचे परिवार के साथ गुजर कर रहे हैं। ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रोजमर्रा की जरूरत की समान घर पहुंचा रहे हैं। चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग पर करीब ढाई फिट बाढ़ का पानी तेज धार के साथ बहने से आवागमन बाधित है। रामगंगा के उफनाने से नदी के किनारे बसे कटान से भयभीत ग्रामीणों ने अपने मकान तोड़ लिए हैं और सड़क के किनारे पालीथिन के नीचे परिवार सहित गुजर करने को मजबूर हैं।
खेत जलमग्न, फसलें खराब
गंगा और रामगंगा की बाढ़ से खेत जलमग्न हो गए हैं। जिससे खेत में खड़ी धान, मेंथा, तिल व बाजरा की फसलें खराब हो गई हैं। किसानों द्वारा बोई गई आलू व सरसों की फसल खराब हो गई हैं। खेतों में बाढ़ का पानी भर जाने से आलू, सरसों व गेहूं की बोवाई बाधित हो गई है। जिससे किसान चितित हैं।
तहसील में ग्रामीणों की मदद से रसोई शुरू
तहसील में ग्रामीणों की मदद से रसोई शुरू कर दी गई है। रसोई में करीब 300 लंच पैकेट तैयार किए गए और सड़क के किनारे पालीथिन के नीचे रुके बाढ़ पीड़ितों को वितरित किए गए। लेखपाल धर्मेंद्र सिंह ने कोला सोता, नगला हुशा व भुवनपुर ग्राम प्रधान के सहयोग से रसोई में राशन पहुंचाया। एसडीएम प्रीती तिवारी ने बताया कि प्रधानों की मदद से रसोई शुरू करा दी गई है और जरूरतमंद पीड़ितों को लांच पैकेट वितरित कराए गए। बाढ़ प्रभावित गांवों में लेखपाल तैनात कर दिए गए हैं। पीड़ितों को संभव मदद दी जा रही है।