जलस्तर स्थिर होने पर भी कम नहीं हुईं दुश्वारियां
संवाद सहयोगी अमृतपुर गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी तटवर्ती गांव के बाशिदों की दुश्वा
संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी तटवर्ती गांव के बाशिदों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। तटवर्ती गांव में बाढ़ का पानी भरा होने से लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। कई गांव के ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। रामगंगा की धार से कटान होने से ग्रामीण भयभीत हैं।
समुद्र तल से 137.10 मीटर ऊपर स्थित खतरे के निशान के करीब 15 सेमी नीचे 136.95 मीटर पर गंगा का जलस्तर स्थिर है। नरौरा बांध से गंगा में 82,903 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर पांच सेंटीमीटर कम होने से 134.60 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 7533 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा की बाढ़ के पानी से सुंदरपुर, कछुआ गाढ़ा, नगला दुर्गु, भुड़न की मड़ैया, सैदापुर, पट्टी भरखा, तीसराम की मड़ैया, बंगला, अंबरपुर, अंबरपुर की मड़ैया, आशा की मड़ैया, कंचनपुर, उदयपुर, सबलपुर, रामपुर, जगतपुर, जोगराजपुर, बमियारी, लायकपुर, नगरिया जवाहर, कुसुमापुर, भाऊपुर चौरासी, माखन नगला, करनपुर घाट, कुडरी सारंगपुर, बनासीपुर, फुलहा, रामप्रसाद नगला व हरसिंहपुर कायस्थ गांव घिरे हैं। जोगराजपुर गांव के लिए संपर्क मार्ग नहीं बना है। बाढ़ का पानी गांव में भर गया है। जिससे गांव के ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। हरसिंहपुर कायस्थ, जोगराजपुर व आशा की मड़ैया के ग्रामीण कई दिनों से बाढ़ का पानी भरा होने से परेशान हैं। गांव में बाढ़ का पानी भरने से भूसा भीगकर सड़ गया है। जिससे ग्रामीणों को मवेशियों के चारे की समस्या हो गई है। माखन नगला संपर्क मार्ग कट जाने से माखन नगला, जटपुरा कैलियाई, फुलहा व रामप्रसाद नगला के ग्रामीण बाढ़ के गहरे पानी से निकलने को मजबूर हैं। रामगंगा की धार से 25 घर पहले ही कट चुके हैं।