किसानों को फिर दगा दे गया सब्जी का राजा, कोल्ड स्टोरेज मालिक भी चितित

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद सब्जी का राजा कहा जाने वाला आलू किसानों को फिर दगा दे गया ह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 07:17 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 07:17 PM (IST)
किसानों को फिर दगा दे गया सब्जी का राजा, कोल्ड स्टोरेज मालिक भी चितित
किसानों को फिर दगा दे गया सब्जी का राजा, कोल्ड स्टोरेज मालिक भी चितित

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : सब्जी का राजा कहा जाने वाला आलू किसानों को फिर दगा दे गया है। कोल्ड स्टोरेज में भंडारित एक पैकेट (50 किलो) आलू का भाव 350 से 400 रुपये मिल रहा है। इसमें भंडारण शुल्क, वारदाना व किराया निकालकर किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। इससे निकासी की रफ्तार धीमी है।

गत वर्ष 18 नवंबर को आलू की बिक्री शुरू हुई तो किसान मंदी की मार से परेशान हो गए थे। फरवरी व मार्च 2021 में कुछ स्थिति सुधरी तो किसानों को राहत मिली, लेकिन अधिकतर किसानों ने मंदी के चलते अच्छा भाव मिलने की आस में पहले ही आलू कोल्ड स्टोरेज में भंडारित कर दिया था। अब आलू का भाव फिर दगा दे गया है। प्रति पैकेट भंडारण शुल्क 105 रुपये है। वारदाना, लोडिग खर्च आदि मिलाकर प्रति पैकेट 200 रुपये से अधिक का खर्च आता है। इस कारण किसानों को एक पैकेट पर 200 रुपये भी नहीं मिल रहे हैं। कुछ कोल्ड स्टोरेज मालिकों ने किसानों को पहले ही बारदाना व ऋण दे रखा है, इससे उनकी भी चिता बढ़ी है। बाहर की मंडियों में मांग न होने से बढ़ी समस्या

'गत वर्षों की तरह इस वर्ष बाहर की मंडियों से मांग नहीं आ रही है। इसी वजह से आलू का भाव नहीं बढ़ पा रहा है। यदि यही स्थिति रही तो भाव और गिर सकता है। किसानों को इस बार लंबा घाटा होगा। सरकार को दखल देकर मूल्य में सुधार का प्रयास करना चाहिए।'

शिवपाल सिंह, निवासी गांव बलिया नगला आलू के दगा देने से कर्ज उतारना मुश्किल

'अधिकांश किसान सहकारी समिति व बैंकों से कर्ज लेकर आलू की बोवाई करते हैं, लेकिन भाव न मिलने के कारण कर्ज उतारना मुश्किल हो गया है। सरकार को हस्तक्षेप कर आलू किसानों की मदद करनी चाहिए। आलू का निर्यात सरकार कराए, तभी राहत मिलेगी।'

रिकू राजपूत, निवासी गांव पसनिंगपुर

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