गर्म कपड़ों का स्टॉक डंप, डेढ़ गुना बढ़ी कीमत
संवाद सहयोगी तिर्वा लॉकडाउन व कोरोन संक्रमण के कारण कंपनियां गर्म कपड़ों का उत्पादन
संवाद सहयोगी, तिर्वा: लॉकडाउन व कोरोन संक्रमण के कारण कंपनियां गर्म कपड़ों का उत्पादन नहीं कर पाई हैं। इससे दुकानदारों को माल नहीं मिला रहा है। थोक व्यापारियों ने अधिक सर्दी पड़ने पर बेचने के लिए स्टॉक डंप कर रखा है। इस कारण दाम डेढ़ गुना हैं, जो आम लोगों की पहुंच से बाहर है।
कस्बे में रेडीमेड कपड़ों की करीब 430 दुकानें हैं। इन सभी दुकानों पर प्रतिवर्ष गर्म कपड़ों की भरमार हो जाती थी। इससे कपड़ों पर महंगाई अधिक नहीं रहती थी। आम व्यक्ति के बजट में रहने से खरीदारी कर लेते थे। इस वर्ष कोरोना के दौर में मार्च से लेकर अगस्त तक कंपनियां बंद रहीं। इससे गर्म कपड़ों का कोई उत्पादन नहीं हुआ। थोक व्यापारियों के पास जो स्टॉक था, वह डंप कर लिया है। कंपनियों में अभी भी उत्पादन पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रहा। दुकानों पर स्वेटर, जैकेट, साल, कंबल, इनर समेत अन्य गर्म कपड़े डेढ़ से दोगुने दामों पर बिक रहे हैं। ब्रांड कंपनी से भी माल दुकानदारों को नहीं मिल पा रहा है। इससे सामान्य वर्ग के लोगों को काफी दिक्कतें हो रही। क्या कहते हैं व्यापारी
ब्रांड कंपनी से मॉल नहीं मिल रहा। जो माल मिल रहा, वह डेढ़ गुने दाम पर मिल रहा। गर्म कपड़ों पर बीते वर्ष की अपेक्षा अधिक महंगाई है।
बृजनंदन, कपड़ा व्यापारी जैकेट, स्वेटर, कंबल, साल व इनर समेत अन्य गर्म कपड़ों के लिए थोक दुकानदारों को आर्डर दिया, लेकिन अभी तक मॉल नहीं मिला।
अमन तोमर, कपड़ा व्यापारी माल को डंप करना अपराध है। छापेमारी की जाएगी और स्टॉक मिलने पर कार्रवाई तय है। कीमत से ज्यादा पैसे में कपड़े बिक्री करने वालों पर पुलिस कार्रवाई होगी।
जयकरन, एसडीएम