डीएपी लदा संदिग्ध ट्रक एसडीएम ने सीज कर पुलिस को सौंपा

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद जनपद में हो रही डीएपी की कालाबाजारी के बीच सोमवार देर शाम

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:54 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:54 PM (IST)
डीएपी लदा संदिग्ध ट्रक एसडीएम ने सीज कर पुलिस को सौंपा
डीएपी लदा संदिग्ध ट्रक एसडीएम ने सीज कर पुलिस को सौंपा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जनपद में हो रही डीएपी की कालाबाजारी के बीच सोमवार देर शाम एसडीएम सदर ने सेंट्रल जेल चौराहे के निकट एक पेट्रोल पंप पर खड़े ट्रक से खाद की बिक्री होने की सूचना पर छापा मारा। मौके पर मौजूद ड्राइवर खाद का चालान नहीं दिखा सका। पीसीएफ के बघार स्थित बफर गोदाम से लगभग एक किलोमीटर पर खड़ा ट्रक छापे के समय लगभग आधा खाली हो चुका था। जिला कृषि अधिकारी व सहायक निबंधक को सूचना देकर मौके पर बुलाया गया। अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद एसडीएम ने ट्रक को सीज कर पुलिस को सौंप दिया। जिला कृषि अधिकारी ने मामले में डीएम को रिपोर्ट भेजी है।

समितियों पर स्टाक न भेजे जाने से जनपद में खाद की कृत्रिम किल्लत सृजित कर डीएपी व एनपीके की कालाबाजारी के मामले में पीसीएफ के जिला प्रबंधक की भूमिका पर जिला कृषि अधिकारी व सहायक निबंधक सहकारी समितियां पहले ही डीएम को पत्र लिख चुके हैं। इसी बीच सोमवार देर शाम एसडीएम सदर अनिल कुमार ने सूचना के आधार पर सेंट्रल जेल चौराहे के निकट एक पेट्रोल पंप पर डीएपी से लदे ट्रक को छापा मारकर पकड़ लिया। कृषि और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद ट्रक को सीज कर दिया गया। लगभग 650 बोरी लदान वाले ट्रक पर छापे के समय मात्र 439 बोरी स्टाक लदा मिला। ट्रक चालक ने लगभग एक घंटे बाद जो चालान दिखाया वह 17 अक्टूबर की तिथि का खुदागंज सहकारी समिति का था। हालांकि खुदागंज समिति के सचिव राजीव सिंह ने लखित बयान दे दिया है कि उन्हें पीसीएफ से खाद भेजे जाने की कोई सूचना ही नहीं दी गई। पूरे में मामले में पीसीएफ की भूमिका के मद्देनजर जिला कृषि अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट डीएम को भेजी है। सहायक निबंधक ने विगत माह ही लिखा था पत्र

जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां वीके अग्रवाल ने बताया कि पीसीएफ की ओर से खाद के प्रेषण में अनियमितताएं किए जाने की सूचना उन्हें पूर्व में ही मिल गई थी। इस संबंध में उन्होंने पत्र लिख कर जिला प्रबंधक को सचेत भी किया था कि समितियों को उनके द्वारा उर्वरक की आपूर्ति से पूर्व टैक्स इनवाइस प्राप्त करना व लोडिग के तत्काल बाद ई-वे बिल तथा चालान बनाना आवश्यक है। उर्वरक आपूर्ति के तुरंत बाद इंटीग्रेटेड फर्टिलाइजर मैनेजमेंट सिस्टम (आईएफएमएस) पोर्टल पर इंट्री कर आईडी जनरेट की जानी चाहिए।

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