सांसद को नहीं मालूम कहां खर्च हो गए उनकी निधि के 80 लाख

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद विगत वर्ष कोरोना प्रकोप के दौरान शासन की ओर से सांसद व विधाय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 07:55 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 07:55 PM (IST)
सांसद को नहीं मालूम कहां खर्च हो गए उनकी निधि के 80 लाख
सांसद को नहीं मालूम कहां खर्च हो गए उनकी निधि के 80 लाख

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : विगत वर्ष कोरोना प्रकोप के दौरान शासन की ओर से सांसद व विधायकों से उनकी क्षेत्र विकास निधि का उपयोग महामारी से बचाव के लिए करने का अनुरोध किया गया था। इसी क्रम में सांसद मुकेश राजपूत ने अपनी निधि के 80 लाख रुपये वेंटिलेटर खरीद के लिए स्वास्थ्य विभाग को दिए थे। एक वर्ष बाद भी वेंटिलेटर खरीद तो दूर सांसद को किसी ने यह बताने की भी जहमत नहीं उठाई कि उस धनराशि का क्या हुआ।

सांसद मुकेश राजपूत ने अपनी निधि के 80 लाख रुपये स्वास्थ्य विभाग को वेंटिलेटर खरीद के लिए विगत वर्ष दे दिए थे। अभी तक वेंटिलेटरों की खरीद नहीं की गई है। हालत यह है कि कोरोना संक्रमण के बाद दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ कर रहे सांसद मुकेश राजपूत को ही नहीं मालूम कि उनकी सांसद निधि का क्या हुआ। उन्होंने जागरण को बताया कि वह कई बार पत्र लिखकर उनकी सांसद निधि के सापेक्ष उपभोग प्रमाणपत्र दिए जाने की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद उन्हें विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया है। उन्होंने बताया कि ठीक होने के बाद फर्रुखाबाद आएंगे, इसके बाद निधि के खर्च के संबंध में जानकारी करने का प्रयास करेंगे। हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार डीएम ने वेंटिलेटर खरीद के लिए जो कमेटी बनाई थी, उसमें कमीशनबाजी के चलते वेंटिीलेटर आपूर्तिकर्ता कंपनी के नाम पर मतैक्य नहीं हो सका। इसीलिए खरीद नहीं हो सकी ।

हालात यह हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ज्वार पर है। जनपद में आए दिन मरीज वेंटीलेटर के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। हाल ही में एक अभिनेत्री के भाई और स्वास्थ्य कर्मी के सगे साले की मौत के बाद मामला नेशनल मीडिया में भी सुर्खियों में आ चुका है। हद तो यह है कि शासन की ओर से जनपद को उपलब्ध कराए गए छह वेंटीलेटर्स का उपयोग भी स्वास्थ्य विभाग नहीं कर पा रहा है।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.वंदना सिंह ने बताया कि सांसद निधि की धनराशि से वर्ष 2020 में वेंटिलेटर की खरीद नहीं हुई थी। धनराशि से मास्क व वेंटिलेटर आदि खरीदे गए थे। जिनका उपयोग आम लोगों में वितरण के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भी किया गया।

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