झोलाछाप की मंडी बना महरूपुर रावी

संवाद सूत्र कमालगंज रामलीला मैदान से सटा महरूपुर रावी झोलाछाप की मंडी बन गया है। यहां

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:26 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:26 PM (IST)
झोलाछाप की मंडी बना महरूपुर रावी
झोलाछाप की मंडी बना महरूपुर रावी

संवाद सूत्र, कमालगंज : रामलीला मैदान से सटा महरूपुर रावी झोलाछाप की मंडी बन गया है। यहां बुखार से पीड़ित मरीजों को भर्ती कर जमकर दोहन किया जा रहा है। यहां कथित तौर पर नर्सिंग होम भी हैं, जिनमें न तो चिकित्सक हैं और न पंजीकरण है। यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जानकारी के बावजूद आज तक इन झोलाछाप नर्सिंग होम पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। छापेमारी की जाती है तो कुछ दिन यह अवैध अस्पताल बंद कर दिए जाते हैं। बाद में लेनदेन कर अस्पताल फिर से खुलेआम संचालित होने लगे हैं। महरूपुर रावी में तेजी से बुखार का प्रकोप है। लगातार हुई मौतों के कारण लोग भयभीत है। इस भय का फायदा यहां के अमानक अस्पताल संचालक उठा रहे हैं। इन कथित अस्पतालों में चिकित्सक ही नहीं हैं। झोलाछाप लोग यहां इलाज कर रहे हैं। कुछ अस्पतालों में फर्रुखाबाद शहर के चिकित्सकों के नाम के बोर्ड लगाए हैं। इलाज की आस में वहां गए मरीजों को भर्ती कर लिया जाता है। यहां मेडिकल स्टोर संचालक भी अपनी दुकान के पीछे मरीजों को भर्ती करके इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसर पर मिलीभगत का आरोप झोलाछाप और मानकों को ताक पर रखकर चिकित्सा व्यवसाय करने वालों की बाढ़ सी आ गई है। जिला मुख्यालय से लेकर कस्बों में अमानक अस्पताल और झोलाछाप लोग इलाज कर रहे हैं, लेकिन नियमित वसूली के बाद उन्हें मनमानी करने की खुली छूट दी जाती है। अंडर ट्रांसफर होने के बावजूद रिलीव न हों, इसलिए राजनीतिक से लेकर प्रशासनिक स्तर से दबाव बनवाए हैं। 'सीमित संसाधनों से पहले बुखार की बीमारी से लोगों को बचा रहे हैं। उसके बाद एक सप्ताह में छोलाछाप और अमानक नर्सिंग और अस्पतालों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा।' - डा. सतीश चंद्रा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।

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