कांशीराम कॉलोनी : कहीं पड़े ताले तो कहीं आवास के लाले
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद भले ही प्रधानमंत्री गरीब को आवास देने के लिए कई योजनाएं चला रह
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भले ही प्रधानमंत्री गरीब को आवास देने के लिए कई योजनाएं चला रहे हों, लेकिन यहां बड़ी तादात में जरूरतमंदों को आवास के लाले पड़े हैं तो वहीं अधिकारियों की लापरवाही के कारण अपात्र लोगों ने जो आवास हासिल कर लिए, उनमें ताले पड़े हैं। इस बात को पुख्ता जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के आंकड़े करते हैं। यहां पर करीब 250 लोग आवास के लिए दो साल से भटक रहे हैं। उधर कांशीराम कॉलोनी में अवैध रूप से रहने वाले 329 लोगों को स्वयं विभाग ही चिह्नित कर चुका है।
वर्ष 2008 में शहर में कांशीराम शहरी आवास योजना के तहत 1500 आवास बनवाए गए थे, जिनमें हैबतपुर गढि़या में 1296, बधौआ में 36 और टाउनहाल स्थित कांशीराम कॉलोनी में 168 आवास बने हैं। जिला नगरीय विकास अभिकरण कार्यालय व नगर पालिका प्रशासन के अधिकारियों से सांठगांठ कर कई अपात्रों ने आवास हासिल कर लिए थे। इसके बाद अपात्रों ने या तो आवास में ताला डाल दिया या फिर किराए पर उठा दिए। शिकायत होने पर बीते दिनों डीएम ने उप जिलाधिकारी सदर, ईओ नगर पालिका, परियोजना अधिकारी डूडा और मऊदरवाजा थानाध्यक्ष की टीम गठित करते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच में 329 आवास चिह्नित किए गए, जिनमें अपात्र रह रहे हैं। इनमें कांशीराम कॉलोनी हैबतपुर गढि़या में लगभग 300, बधौआ में आठ और कांशीराम कॉलोनी टाउनहॉल में 21 आवास अपात्रों के नाम आवंटित हैं। वहीं कांशीराम कॉलोनी टाउनहाल के पास ही लगभग 20 परिवार झोपड़ी डालकर रहने को मजबूर हैं। अधिकारियों की नजर इनकी ओर नहीं जा रही है। इंदिरा देवी पत्नी ओमकार ने बताया कि वह कमालगंज ब्लॉक के गांव तेरा की रहने वाली हैं। परिवार समेत आठ साल से फर्रुखाबाद में रह रही हैं। पति मजदूरी करते हैं। आवास के लिए आवेदन किया था, लेकिन नहीं मिला। उन्हीं के पास रहने वाली सुमन देवी पत्नी स्व. उदयवीर निवासी मझोला कायमगंज ने बताया कि एक माह पहले ही पति की मौत हुई है। मेहनत करके बच्चों का पेट भर रही हैं। रहने को घर मिल जाए तो राहत होगी। जो आवास चिह्नित हुए हैं, उनमें या तो ताले पड़े थे या फिर जिसके नाम आवास आवंटित था उसकी जगह कोई दूसरा रहता पाया गया। इन आवासों में तीन-चार दिन में नोटिस चस्पा करवाए जाएंगे। 15 दिन में अगर आवास खाली नहीं होते हैं तो अपात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आवास के लिए आए आवेदनों की जांच एसडीएम सदर करेंगे। उनके अनुमोदन के बाद पात्रों को कांशीराम कॉलोनी के आवास आवंटित किए जाएंगे। पात्रों को आवास देने बाद यदि कोई आवास बचता है, तो झोपड़ी डालकर रहने वाले लोगों को दिए जाएंगे।
- जयविजय सिंह, परियोजना अधिकारी, डूडा। आवास का इंतजार खत्म, जल्द होगा आवंटन
जासं, फर्रुखाबाद : इंटी ग्रेटिड हाउसिग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आइएचएसडीपी) के तहत नवदिया में बन रहे 72 आवासों के आवंटन के लिए लेखपाल ने जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद जल्द ही पात्रों को आवास आवंटित कर दिए जाएंगे।
वर्ष 2008-09 में नवदिया में डूडा की ओर से आईएचएसडीपी योजना के तहत करीब 2.40 करोड़ की लागत से 72 आवासों का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। आवास पाने के लिए लगभग 653 लोगों ने आवेदन किए थे, जिसके लिए सामान्य वर्ग के जरूरतमंदों ने 12.50 हजार और एससीएसटी वर्ग के लोगों ने दस हजार रुपये का ड्राफ्ट डूडा कार्यालय में जमा किया था। दस साल में भी जब निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका तो लगभग 200 लोगों ने ड्राफ्ट वापस भी ले लिए थे। करीब छह माह पहले जिलाधिकारी ने पीओ डूडा को सख्त निर्देश दिए थे, कि निर्माण कार्य पूरा कराकर आवंटन किया जाए। अब निर्माण कार्य भी आखिरी दौर में है और कानूनगो व लेखपाल ने आवेदकों की जांच भी शुरू कर दी है। जिला परियोजना अधिकारी जय विजय सिंह ने बताया कि जिन लोगों के ड्राफ्ट जमा हैं, उनकी जांच चल रही है। फरवरी या मार्च में आवासों का आवंटन भी कर दिया जाएगा।