जवाबी मुकदमे में पुलिस ने हटाई हत्या के प्रयास की धारा

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद तीन साल पहले सपा नेता योगेंद्र सिंह उर्फ चन्नू यादव और सुनील राठ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:18 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:18 PM (IST)
जवाबी मुकदमे में पुलिस ने हटाई हत्या के प्रयास की धारा
जवाबी मुकदमे में पुलिस ने हटाई हत्या के प्रयास की धारा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : तीन साल पहले सपा नेता योगेंद्र सिंह उर्फ चन्नू यादव और सुनील राठौर के बीच वर्चस्व को लेकर फायरिग हुई थी। इस मामले में दोनों पक्षों से एक-दूसरे के खिलाफ जानलेवा हमले आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने जांच के दौरान हत्या के प्रयास की धारा हटा दी और गालीगलौज व धमकी में ही चार्जशीट लगा दी। इस मामले में प्रभावी कार्रवाई न होना ही बुधवार रात को ताबड़तोड़ फायरिग की वजह बनी।

फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के लोको कालोनी निवासी सपा नेता योगेंद्र सिंह की पत्नी सरिता यादव ने तीन नवंबर 2019 को सैनिक कालोनी निवासी सुनील राठौर, आवास विकास कालोनी निवासी सोनू सोमवंशी व आठ अज्ञात लोगों के खिलाफ एकराय होकर रंजिशन सरिता व उनके पति के ऊपर जान से मारने की नीयत से फायर करने का मुकदमा दर्ज कराया था। दूसरे पक्ष से सुनील राठौर ने योगेंद्र उर्फ चन्नू यादव, जग्गू यादव आदि के खिलाफ जानलेवा हमलेवा का मुकदमा दर्ज कराया था। सुनील की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में पुलिस ने योगेंद्र, जग्गू के खिलाफ ही गालीगलौज व धमकी देने में चार्जशीट लगाई। अन्य आरोपितों के नाम हटा दिए। जानलेवा हमले की धारा भी हटा दी। सरिता द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आवास विकास कालोनी निवासी कौशलेंद्र प्रताप सिंह का नाम जांच के दौरान शामिल किया गया। इस मुकदमे में भी जानलेवा हमले की धारा हटाकर गालीगलौज धमकी में ही चार्जशीट लगाई गई।

ताबड़तोड़ हुई गोलीबारी में बरामद हुआ मात्र एक तमंचा

शहर की पाश कालोनी जेएनवी रोड पर सपा नेता के पुत्र आर्यन की पिटाई के बाद आरोपितों ने ताबड़तोड़ फायरिग की थी। पुलिस ने छापेमारी कर सुनील राठौर, सोनू सोलंकी, दीपक कुमार, मनोज कुमार, बंटी उर्फ सुखेंद्र, शिखर सक्सेना को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर गुरुवार को जेल भेज दिया था। पुलिस ने दीपक के पास से ही एक तमंचा व खोखा बरामद दिखाया है, जबकि स्थानीय लोगों के मुताबिक ताबड़तोड़ फायरिग हुई थी। अन्य असलहे पुलिस अभी तक बरामद नहीं कर सकी है। चर्चा है कि फायरिग लाइसेंसी असलहों से भी की गई। कोतवाली प्रभारी जयप्रकाश पाल ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है। असलहे बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है।

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