सौ का डेढ़ सौ में और दस वाला बीस में ..लेना हो तो लो

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद यह किसी हिट फिल्म के टिकट ब्लैक का मामला नहीं है। यह तो

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:50 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 06:50 PM (IST)
सौ का डेढ़ सौ में और दस वाला बीस में ..लेना हो तो लो
सौ का डेढ़ सौ में और दस वाला बीस में ..लेना हो तो लो

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : यह किसी हिट फिल्म के टिकट ब्लैक का मामला नहीं है। यह तो सरकारी स्टांप पेपर्स के खुले रेट हैं। इन दामों पर भी वेंडर से आपको स्टांप मिल जाएं तो संबंधित नोटरी या डीड-राइटर का रसूख समझिए। विडंबना तो यह है कि यह सब कुछ बड़े साहबों की नाक के नीचे हो रहा है। ई-स्टांप भी केवल अधिक मूल्य के स्टांप के लिए ही चल रही है। जबकि 70 फीसद उपभोक्ता दस से सौ रुपये तक के स्टांप के आते हैं। इन्हीं तो ब्लैक में बेचा जा रहा है।

हलफनामे से लेकर एग्रीमेंट तक के लिए आमतौर पर दस से 100 रुपये तक के स्टांप पेपर की आवश्यकता होती है। शासन की ओर से पेपर स्टांप की जगह अब ई-स्टांप की व्यवस्था लागू की गई है। हालांकि लोगों को कागज पर अशोक की लाट छपे स्टांप पेपर ही रास आते हैं। वहीं ई-स्टांप व्यवस्था भी अभी तक पटरी पर नहीं है। अभी स्टांप-वेंडरों के पास पुराने स्टांप बचे हैं। वह इनकी बिक्री ब्लैक में करने के लिए कमी बनाए रखने को भी ई-स्टांप की व्यवस्था को चालू नहीं होने देते हैं। हालात यह हैं कि तहसीलों पर स्टांप पेपर्स की मारामारी है। खुले आम दस रुपये के स्टांप के बीस और सौ रुपये के स्टांप के लिए 150 रुपये वसूले जा रहे हैं। वहीं 50 वाले स्टांप पेपर के लिए 75 रुपये का मूल्य वसूला जा रहा है। विडंबना यह है कि तहसीलों पर एसडीएम स्वयं बैठते हैं। सब रजिस्ट्रार कार्यालय भी यहीं पर होते हैं। इसके बावजूद सरकारी स्टांप पेपर्स की कालाबाजारी का यह धंधा खूब फल-फूल रहा है। कायमगंज सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में बैठे एक स्टांप वेंडर का वीडियो भी दो दिन से वायरल हो रहा है। इसमें वह खुलेआम सौ रुपये के स्टांप के डेढ़ सौ मांगता दिख रहा है। इतना ही नहीं वह तो खुद को स्टांप वेंडर के स्थान पर वहां पर तैनात संविदा कर्मी बता रहा है। हालांकि जागरण वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। ------

यह बोले जिम्मेदार

वीडियो में दिख रहे व्यक्ति का उनके कार्यालय से कोई संबंध नहीं है। वह वास्तव में स्टांप वेंडर है। मामले में अपर जिलाधिकारी को संबंधित के खिलाफ कार्रवाई को संस्तुति भेजी जा रही है।

- सुभाष चंद्र, सब-रजिस्ट्रार कायमगंज।

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स्टांप की कालाबाजारी की शिकायत नहीं मिली है। मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि ई-स्टांप की व्यवस्था को सुचारु किया जाएगा।

- विवेक श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी।

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दस से 100 रुपये के स्टांप कोषागार में लगभग समाप्त हो चुके हैं। उनके यहां से अब वेंडरों को इनकी बिक्री नहीं की जा रही है।

- अतुल तिवारी, वरिष्ठ कोषाधिकारी।

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