खेतों में डूबी धान को समेटने में जुटे किसान

संवाद सहयोगी अमृतपुर बेमौसम हुई दो दिन की बरसात से किसान तबाह हो गया है। खेतों में तैया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 10:11 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:11 PM (IST)
खेतों में डूबी धान को समेटने में जुटे किसान
खेतों में डूबी धान को समेटने में जुटे किसान

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : बेमौसम हुई दो दिन की बरसात से किसान तबाह हो गया है। खेतों में तैयार खड़ी धान जलमग्न होने से खराब हो गई है। किसान खेतों से उसे निकालने में जुटे हैं। रबी की बोई गई आलू व सरसों की फसल खेत में पानी भरने से खराब हो गई है।

रविवार को हुई बेमौसम बरसात का पानी खेतों में भर गया था। जिससे खेतों में खड़ी फसलें खराब हो गई थीं, लेकिन सोमवार की रात रुक रुक कर हुई बरसात ने खेत जलमग्न कर दिया है और बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। किसान रबी की फसल की बोवाई में जुटे थे। खेत मे बोई गई सरसों व आलू के खेत में बरसात का पानी भर जाने से खराब होने की आशंका बढ़ गई है। अब किसान दोबारा लागत लगाकर फसल की बोवाई करने को लेकर चितित है। क्षेत्र में करीब 70 फीसद सरसों की बोवाई किसान कर चुके हैं। आलू भी करीब 25 से 30 फीसद बोया जा चुका है। खेत में धान, तिल व बाजरा की फसल तैयार खड़ी है। धान व तिल की अधिकांश फसल खेत में कटी पड़ी है। खेतों में तीन से चार फिट बरसात का पानी भर जाने से तिल व धान की फसल उतरा रही है। मंगलवार को किसान बरसात के पानी से फसल निकालने में जुटे रहे।

कोलासोता के राजकुमार सिंह बताते हैं कि उन्होंने चार एकड़ अगेती आलू की बुआई की थी। पहले बरसात होने से ही फसल खराब हो गई। अब दोबारा दो दिनों तक हुई बेमौसम बरसात में आलू डूब गया है।जिससे आलू खराब होने की आशंका बढ़ गई है। आलू की फसल में लागत बहुत लगती है। लभेड़ा के राजेश सिंह कहते हैं कि एक एकड़ धान की फसल खेत में पड़ी थी। खेत में करीब चार फिट पानी भर गया। जिससे धान पानी में उतरा गया। पानी में डूबने से धान खराब हो गया है। अब पानी से निकालकर धान की फसल बचाने का प्रयास कर रहे हैं। निगार के उमेश सिंह कहते हैं कि खेत में चार एकड़ तिल की फसल कटी हुई पड़ी थी। बरसात का पानी खेत में भरने से फसल सड़ने लगी है। मुजहा निवासी गोपाल मिश्रा कहते हैं कि चार एकड़ खेत घूरा डालकर आलू की बोवाई के लिए तैयार कर लिया था।दो दिन हुई बेमौसम बरसात से खेत में कई फिट पानी भर गया है। जिससे कई दिनों तक आलू की बोवाई प्रभावित हो गई है।

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