डीएपी खाद के लिए चक्कर लगा रहे किसान, मजबूरन ले रहे एनपीके

जागरण टीम फर्रुखाबाद जनपद में आलू की बोआई के लिए किसानों को डीएपी की जरूरत है। जिले

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:51 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:51 PM (IST)
डीएपी खाद के लिए चक्कर लगा रहे किसान, मजबूरन ले रहे एनपीके
डीएपी खाद के लिए चक्कर लगा रहे किसान, मजबूरन ले रहे एनपीके

जागरण टीम, फर्रुखाबाद : जनपद में आलू की बोआई के लिए किसानों को डीएपी की जरूरत है। जिले में 80 फीसद किसान खाद के लिए खुले बाजार पर ही आश्रित हैं, क्योंकि सहकारी समितियों से खाद केवल खाताधारकों को ही मिलती है। निजी कंपनियों की डीएपी न मिलने के कारण दुकानों पर खाद नहीं है। जम कर हो रही कालाबाजारी के बीच फिलहाल किसान डीएपी के स्थान पर एनपीके से ही काम चलाने को मजबूर हैं। वही अमृतपुर क्षेत्र में बाढ़ और अतिवृष्टि के कारण खेतों में अभी भी पानी या अत्यधिक नमी मौजूद है। इसके चलते किसानों को बोआई के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में फिलहाल खाद की मांग न के बराबर रह गई है। मोहम्मदाबाद क्षेत्र में सहकारी समिति हरकमपुर, ज्योंता, मदनपुर व धीरपुर पर किसान खाद लेने पहुंचे, लेकिन मायूस होकर लौट गए। खुले बाजार में खाद विक्रेताओं न बताया कि डीएपी नहीं मिली। एनपीके 15-15-15 खाद आयी है। वहीं वह लोग किसानों को बेच रहे हैं। प्राइवेट दुकान पर डीएपी खरीदने आए महोई निवासी रामप्रकाश, अनिल कुमार, रियासत व गांव बनकिया निवासी राकेश सिंह बताते हैं कि हरकमपुर सहकारी समिति पर दिन भर बैठे रहे, वहां खाद नहीं है। ज्योंता सहकारी समिति बंद है। मजबूरी में एनपीके 15-15-15 खरीद रहे हैं। बोआई में विलंब हो रहा है। डीएपी व एनपीके 12-32-16 कहीं उपलब्ध नहीं है। नबीगंज मैनपुरी निवासी किसान सचिन एक बोरी डीएपी 300 रुपये ब्लैक में खरीदकर ले जा रहे थे। पूछने पर सचिन ने बताया कि कारगिल डीएपी 1500 रुपये में मिली है। ज्योंता में दुकानों पर डीएपी थी, लेकिन नहीं दी। सहकारी समितियों में लाइन में लगने के बावजूद खाद नहीं मिल रही है। एक बोरी डीएपी के लिए लगभग 15 किलोमीटर दूर मोहम्मदाबाद आना पड़ा। अति वृष्टि ने बिगाड़ा किसानों का गणित अमृतपुर क्षेत्र गंगा व रामगंगा के दोआब में बसा हुआ है। बेमौसम हुई मूसलाधार बरसात से खेतों में पानी भर गया। बरसात का असर नदियों में भी दिखाई देने लगा, गंगा व रामगंगा उफना गईं। गंगा की बाढ़ का पानी खेतों में भर गया है। खेतों में बोई गई आलू व सरसों की फसल पानी भरने से खराब हो गई। तैयार खड़ी तिल, धान, बाजरा व मेंथा की फसल भी खराब हो गई। खेतों में पानी व अधिक नमी होने से करीब 10 से 15 दिन बोआई बाधित हो गई है। जिससे फिलहाल क्षेत्र में खाद की मांग नहीं है। - हुसैनपुर के प्रदीप सिंह बताते हैं कि बरसात अधिक होने से खेतों में पानी भरा है। जिससे करीब 10 से 15 दिन बोवाई बाधित हो गई है। खेतों में तैयार फसल खराब हो गई है, जिससे किसान तबाह हो गया है। किसानों को समितियों पर खाद मिलनी चाहिए। - मोकुलपुर के राजवीर सिंह कहते हैं बाजार में खाद महंगी है। जबकि समितियों पर खाद का अभाव है। खेतों में नमी कम होते ही एक साथ बोवाई होने से क्षेत्र में खाद की किल्लत होने की आशंका है। - अमृतपुर के भूपेंद्र सिंह कहते हैं कि अत्यधिक बरसात से करीब 15 दिन बोवाई प्रभावित हो गई है। बाढ़ का पानी खेत में भरने लगा है। अतिवृष्टि में खेत में खड़ी फसल खराब हो गई है जिससे किसान तबाह हो गया।

एफआइआर के बाद से पीसीएफ प्रबंधक फरार डीएम के आदेश पर जिला कृषि अधिकारी द्वारा दो दिन पूर्व कालाबाजारी के मामले में शहर कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराने के बाद से तहरीर में नामजद पीसीएफ के जिला प्रबंधक मोहित गुप्ता फरार हैं। दो भंडार नायकों को निलंबित किया जा चुका है। हालांकि अभी तक उनसे चार्ज नहीं लिया गया है। इसके चलते फिलहाल पीसीएफ से समितियों को खाद का प्रेषण नहीं किया जा रहा है। इसके चलते समितियों पर खाद नहीं पहुंच रही है। जिला सहायक निबंधक सहकारी समितियां वीके अग्रवाल ने बताया कि नियमानुसार पीसीएफ जिला प्रबंधक को जनपद मुख्यालय छोड़ने की स्थिति में उन्हें सूचित करना चाहिए। उनके द्वारा ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है। शनिवार को निरीक्षण में भी वह नहीं मिले।

पीसीएफ गोदाम से स्टाक गायब होने की आशंका

विभागीय सूत्रों के पीसीएफ गोदाम से काफी मात्रा में खाद व गेहूं गायब है। एफआइआर के बाद गोदाम के स्टाक के मिलान की आशंका के चलते ही संबंधित अधिकारी गायब हो गए हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी फिलहाल मामले में मुंह नहीं खोल रहे हैं।

chat bot
आपका साथी