परीक्षा टलना ठीक, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में आएगी दिक्कत
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद सीबीएसई बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा रद्द होने व इंटरमीडिएट की
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : सीबीएसई बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा रद्द होने व इंटरमीडिएट की परीक्षा स्थगित करने को लेकर शिक्षकों व छात्रों की अलग-अलग राय है। हाईस्कूल के छात्रों का कहना है कि परीक्षा फरवरी में हो जाती तो ठीक था। वहीं इंटरमीडिएट के छात्र बोले की स्वास्थ्य हित में तो निर्णय ठीक है, लेकिन शिक्षा के लिए यह कदम उचित नहीं। जब चुनाव हो सकते हैं तो फिर परीक्षा क्यों नहीं। परीक्षा स्थगित होने से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में दिक्कतें आएंगी। वहीं शिक्षकों ने इस निर्णय को ठीक बताया। रिजल्ट में मिलते ज्यादा अंक
'परीक्षा को लेकर पूरी तैयारी कर रखी थी। जब उन्हें पता चला कि हाईस्कूल की परीक्षा रद्द कर दी गई तो वह काफी निराश हुए। परीक्षा अगर हो जाती तो ज्यादा ठीक रहता, क्योंकि परीक्षा देते तो रिजल्ट में ज्यादा अंक मिलते।'
सीजान अली, हाईस्कूल छात्र सेंट एंथोनी पब्लिक स्कूल
पूरी मेनहत चली गई बेकार
'मई में होने वाली परीक्षा को लेकर तैयारियां कर रही थीं। हर विषय का रिवीजन कर रखा था। परीक्षा रद्द होने से पूरी मेहनत बेकार चली गई। कोरोना के चलते स्लेवस कम था तो फरवरी में ही परीक्षा करा देनी चाहिए थी। उन्हें पूरा भरोसा था कि इस बार उन्हें अच्छे अंक मिलेंगे।'
सृष्टि श्रीवास्तव, हाईस्कूल छात्रा सीपी इंटरनेशनल स्कूल आइआइटी की तैयारी में आएगी दिक्कत
'परीक्षा स्थगित होने से प्रेशर और बढ़ गया है। तय तिथि पर परीक्षा हो जाती तो वह आइआइटी की तैयारी में लग जाते। अब तो परीक्षा की ही चिता रहेगी, ऐसे में आइआइटी की तैयारी कैसे कर पाएंगे। जब चुनाव हो रहे हैं तो फिर परीक्षा क्यों नहीं हो सकती।'
मृदुल यादव, इंटरमीडिएट, सीपी इंटरनेशनल स्कूल परीक्षा की चिता बनी रहेगी
'परीक्षा स्थगित होने से चिता बनी रहेगी। साथ ही आइआइटी की तैयारी नहीं कर पाएंगी। सुबह-शाम पढ़कर परीक्षा की तैयारी पूरी कर ली थी। परीक्षा आगे बढ़ गई है तो याद किया भी भूल जाऊंगी। स्वास्थ्य के लिए तो निर्णय ठीक है, लेकिन शिक्षा के लिए गलत।'
सपना सिंह, इंटरमीडिएट, केंद्रीय विद्यालय
सरकार ने लिया ठीक निर्णय
'केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने दसवीं की परीक्षा रद्द व इंटरमीडिएट की परीक्षा स्थगित करके स्वागत योग्य कदम उठाया है। इससे छात्रों व अविभावकों को राहत मिलेगी। कोरोना संक्रमण से हर कोई दहशत में है, ऐसे में परीक्षाएं आयोजित कराना बेहद खतरनाक हो सकता था।'
केसी कुशवाहा, शिक्षक केंद्रीय विद्यालय
प्रतिभाशाली छात्र निराश
'कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए परीक्षा कराना कदापि उचित नहीं था। हालांकि प्रतिभाशाली छात्रों के लिए यह निराशाजनक है। क्योंकि इस निर्णय से उन्हें अपनी प्रतिभा साबित करने का मौका नहीं मिलेगा। इंटर के विद्यार्थियों को उम्मीद है कि उन्हें परीक्षा में शामिल होने का अवसर अवश्य मिलेगा।'
केके श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य सीपी इंटरनेशनल स्कूल
'बच्चे बोर्ड परीक्षा का दबाव कतई न लें। बस अच्छे से रिवीजन करें। माता-पिता बच्चों को अकेला न छोड़ें। माता-पिता उन पर नजर रखें। बच्चे योगा करते रहें।'
डॉ. विवेक विलियम दुबे, मनोरोग विशेषज्ञ
जिले में सीबीएसई स्कूल पर नजर
सीबीएसई विद्यालय- 23
हाईस्कूल में पंजीकृत छात्र- 2102
इंटरमीडिएट में पंजीकृत छात्र- 1583