योजना में उलझा ग्राम पंचायतों का विकास

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद ग्राम पंचायतों के नियोजित विकास के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 08:58 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 08:58 PM (IST)
योजना में उलझा ग्राम पंचायतों का विकास
योजना में उलझा ग्राम पंचायतों का विकास

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : ग्राम पंचायतों के नियोजित विकास के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं को सम्मिलित करते हुए जीपीडीपी अर्थात ग्राम पंचायत विकास योजना की अवधारणा की गई थी। हालांकि संबंधित विभागों की कार्य योजना ही तैयार नहीं हो पाई है। अधिकांश विद्यालयों के विद्युत कनेक्शन भुगतान न होने के कारण कटे पड़े हैं, जबकि ग्राम पंचायतों को बिल ही नहीं मिल पा रहे हैं। वही जिन गांवों में पेयजल परियोजनाएं स्थापित हैं, वहां पर जल निगम ग्रामीणों के घरों तक कनेक्शन ही नहीं पहुंचा रहा है।

कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को हुई जनपद स्तरीय क्रियान्वयन व अनुश्रवण समिति की बैठक में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी, बीपीडीपी व डीपीडीपी) की तैयारी पर चर्चा की गई। जिला पंचायतराज अधिकारी वीके सिंह ने बताया कि वर्तमान में जीपीडीपी में नाली, खडंजा, इंटरलाकिग, पंचायत भवन, आपरेशन कायाकल्प, मनरेगा से चकरोड, तालाब आदि ही शामिल हैं। अन्य विभागों की कार्ययोजना जीपीडीपी में सम्मिलित नहीं है। जबकि बेसिक शिक्षा, विद्युत विभाग, चिकित्सा, जल निगम, कार्यक्रम विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग, ग्राम्य विकास आदि को भी इसमें शामिल किया जाना है। इसी प्रकार क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत की विकास योजनाओं में भी इन सभी विभागों की योजनाओं को शामिल किया जाना है। नई व्यवस्था में स्वास्थ्य विभाग की ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण समिति, बेसिक शिक्षा विभाग की विद्यालय प्रबंधन समिति की कार्ययोजना को भी जीपीडीपी में शामिल किया जाना है। विद्युत विभाग के बिलों का भुगतान भी इसमें सम्मिलित कराते हुये बजट आरक्षित किया जाना है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाई जाने वाली ग्राम गरीबी न्यूनीकरण योजना (वीपीआरपी) को भी जीपीडीपी में सम्मिलित किया जाएगा। वन विभाग पंचायत की वानिकी योजना तैयार की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सभी विभागों को फ्रंटलाइन वर्कर के माध्यम से पंचायतवार योजना तैयार कर संबंधित पंचायत सचिव को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित गतिविधियों को प्रत्येक स्तर की कार्ययोजना में सम्मिलित किया जाए। डीएम ने पंचायत सहायक के बैठने के लिए पंचायत भवनों की उपलब्धता होने तक वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए। प्रत्येक ग्राम पंचायत में कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोलने के निर्देश दिए गए।

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