उर्स अहसनी महमूदी में की गई सज्जादानशीन की दस्तारबंदी
संवाद सूत्र कमालगंज तीन दिवसीय उर्स अहसनी महमूदी के अंतिम दिन जियारत खिरका शरीफ के बाद
संवाद सूत्र, कमालगंज : तीन दिवसीय उर्स अहसनी महमूदी के अंतिम दिन जियारत खिरका शरीफ के बाद हुए कुल व फातिहा पेश की गई। सज्जादानशीन की दस्तारबंदी के बाद उनसे मुसाफे के लिए अकीदतमंदो का तांता लगा रहा।
शेखपुर की ऐतिहासिक दरगाह अहसनी महमूदी 122वें तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन सोमवार को बाद नमाजे फज्र कुरान ख्वानी के बाद दिन में करीब 11:00 बजे सज्जादानशीन ख्वाजा आमिर महमूद की दस्तारबंदी की गई। उसके बाद जियारत खिरका शरीफ बाद कुल शरीफ हुआ। जिसमें दूरदराज से आए कव्वालों ने उम्दा कलाम पेश किए। तकरीर और शिजराख्वानी के साथ रूहानी माहौल में सज्जादानशीन ने मुल्क की खुशहाली व अमन चैन की दुआ की। दरगाह सत्तारिया फतेहगढ़ के सज्जादा नशीन प्यारे मियां ने सज्जादानशीन की दस्तारबंदी की औ जलसे को खिताब किया। पूर्व विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी, उर्मिला राजपूत, अर्चना राठौर, पप्पन मियां आदि ने दरगाह पर हाजिरी लगाई। इससे पूर्व दरगाह के सचिव मकसूद अहसन उर्फ मन्नू मियां की सरपरस्ती में 28 नवंबर को बाद नमाज इशा कौमी यकजहती पर हुए जलसे में तौकीर अहमद खां, हाफिज खुर्शीद आलम रिजवी, यूनुस अंसारी आदि ने ख्वाजा अहसन अली शाह की करामातों पर रोशनी डाली। महफिले समां में कव्वाल शमसुद्दीन कन्नौज, शहबाब वारसी बाराबंकी, इकराम पेंटर फिरोजाबाद, हाफिज मतलूब मंसूर शमशाबाद आदि कव्वालों ने सारी रात महफिल को सजाए रखा। सारिक महमूद, फायक महमूद, साकिब, इरफान अली आदि ने व्यवस्था देखी।