प्रभावी कार्रवाई न होने से बढ़ रहे साइबर अपराधियों के हौसले

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद साइबर क्राइम के मास्टर माइंड नए-नए तरीके से लोगों के साथ फ्रा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 10:27 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 10:27 PM (IST)
प्रभावी कार्रवाई न होने से बढ़ रहे साइबर अपराधियों के हौसले
प्रभावी कार्रवाई न होने से बढ़ रहे साइबर अपराधियों के हौसले

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : साइबर क्राइम के मास्टर माइंड नए-नए तरीके से लोगों के साथ फ्राड कर रहे हैं। आए दिन कोई न कोई लालच में अपनी गाढ़ी कमाई गवां रहा है, लेकिन पुलिस के पास पर्याप्त साधन न होने पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती। नतीजतन धीरे-धीरे लंबित मामलों को बंद कर दिया जाता है। इससे अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

दिन पर दिन साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन पुलिस रिपोर्ट दर्ज करने के बावजूद अपराधियों तक नहीं पहुंच पाती। नतीजतन इस तरह के अपराध बढ़ते जा रहे हैं। इस वर्ष 65 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अभी तक पुलिस साइबर अपराधियों तक नहीं पहुंच सकी है। विवेचनाओं के निस्तारण करने के दबाव में अधिकांश मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाकर मुकदमे बंद कर दिए गए। हालांकि पुलिस विगत दो वर्षाें में साइबर सेल के प्रयास से दो वर्षों में 11 लोगों से ठगी गई रकम में 10 लाख 94 हजार 173 रुपये वापस दिलाया गया है। इस मामले में छह मुकदमे दर्ज किए गए थे और पांच शिकायती प्रार्थना पत्र के आधार पर रुपये दिलवाए गए। यह तब संभव है जब फ्राड होने के बाद तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। समय व्यतीत होने के बाद पुलिस भी रुपये वापस नहीं करा सकती। क्योंकि तब तक आरोपित रुपये खर्च कर चुके होते हैं, या फिर अन्य खातों में रकम ट्रांसफर कर देते हैं। सुझाव

- कोई नौकरी लगवाने का झांसा देकर बैंक संबंधित जानकारी पूछे तो न बताएं, क्योंकि नौकरी के देने के लालच में ठगी की जा रही है।

- बैंक अधिकारी बनकर कोई फोन करे, तो उसे कुछ न बताएं। बैंक खाताधारक को फोन नहीं करती।

- किसी को भी एटीएम कार्ड का नंबर और कोड न बताएं।

- फेसबुक पर सामान की खरीदारी कदापि न करें। क्योंकि वह साइबर ठग हो सकते हैं।

- अपरिचित व्यक्ति द्वारा ईमेल, मैसेज द्वारा भेजे गए लिक क्लिक न करें। इससे कंप्यूटर मोबाइल में उपलब्ध डाटा हैकर्स चोरी कर खाते से रुपये निकाल लेते हैं।

- किसी को भी ओटीपी नंबर न बताएं। मैसेज फारवर्ड न करें, किसी के कहने पर खाते में रुपये न डालें। एक नजर

- दर्ज हुए मुकदमे - 65

- फाइनल रिपोर्ट लगी - 25

- लंबित मुकदमे - 40 घटनाओं पर एक नजर

- 16 अक्टूबर को फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला भोलेपुर निवासी इंजीनियर पवन यादव को एक युवती ने नौकरी संबंध में काल कर जानकारी दी। इंजीनियर ने अपने भाई संदेश यादव की नौकरी की बातचीत की। इस दौरान उनके खाते से 49,743 रुपये निकाल लिए गए। इस संबंध में मुकदमा दज कर लिया गया। - 12 नवंबर को कायमगंज के मोहल्ला बगिया मंगूलाल निवासी विशाल सिसोदिया ने आनलाइन जूते मंगवाए थे। इसके लिए फोन करने वाले ने उनसे यूपीआई नंबर व पिन नंबर पूछ लिया। इसके बाद उनके बैंक आफ इंडिया खाते से चार बार में 8400 रुपये निकाल लिए गए। - 16 नवंबर को फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के कान्यकुब्ज कालोनी निवासी शिक्षिका नम्रता पांडेय पुत्री कमलेश पांडेय बैंक आफ इंडिया में बचत खाता है। जिसमें वेतन आता है। 13 नवंबर, 14 नवंबर और 15 नवंबर को खाते से 60,000 रुपये निकल गए। एटीएम के क्लोनिग करके पैसा निकल लिया गया है। - 17 नवंबर को मेरापुर थना क्षेत्र के गांव जरहरी निवासी रिटायर्ड सैनिक मलिखान सिंह के खाते से 09 हजार रुपये निकाल लिए गए। उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई।

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अधिकारी बोले

साइबर सेल में तैनात पुलिस कर्मियों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है। तत्काल फ्राड की सूचना मिलने पर पीड़ितों की रकम वापस कराने का प्रयास किया जाता है। अभी तक करीब 11 लाख रुपये वापस कराया जा चुका है। लोग लालच में न आएं और किसी को बैंक संबंधित जानकारी न दें। तभी साइबर अपराध से बचा जा सकता है।'

- अशोक कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक।

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