कायमगंज में फसलें जलमग्न, झोपड़ियां डूबीं

संवाद सहयोगी कायमगंज गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव के खेतों में पानी भरने से किसान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 11:01 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 11:01 PM (IST)
कायमगंज में फसलें जलमग्न, झोपड़ियां डूबीं
कायमगंज में फसलें जलमग्न, झोपड़ियां डूबीं

संवाद सहयोगी, कायमगंज : गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव के खेतों में पानी भरने से किसान मौजूदा फसलों का नुकसान तो झेल ही रहे हैं, वहीं तटीय क्षेत्र में खेतों के किनारे स्थित झोपड़ियों में पानी भर गया है। प्रशासन के मुताबिक किसी भी गांव के घरों में पानी नहीं पहुंचा है, जो पानी बढ़ा है वह दो दिन में कम हो जाएगा।

बालू भरी प्लास्टिक की बोरियों से बने तटबंधों से कायमगंज के कुआंखेड़ा तराई क्षेत्र के लोग पिछले दस वर्ष से बाढ़ की समस्या ही भूल गए थे। हालांकि गंगा की जो धारा तीन किमी पीछे चली गई थी, वह इस बार गांव गंडुआ के बिल्कुल समीप आ गई है। जिसके चलते अनेक किसानों की फसलें डूब गईं। वहीं ऋषिपाल के खेत के पास बनी झोपड़ी में रखी तंबाकू की फसल भी पानी में डूब गई। जानकारी होने वह स्वजन के साथ रात में खेत पर पहुंच तंबाकू को ट्रैक्टर से घर लाए। गांव सिनौली के पास के तटीय क्षेत्र के खेतों में भी पानी भर गया है। सिनौली निवासी गिरंद के गन्ना के खेत में तो घुटनों तक भर गए पानी से फसल डूब गई।

तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि गंगा का जलस्तर तो बढ़ा है, लेकिन अभी तक किसी गांव व किसी घर में पानी नहीं पहुंचा है। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे है। बाढ़ नियंत्रण व राहत के लिए छह शरणालय, 15 नियंत्रण कक्ष, जिन पर दो दो लेखपाल होगें तथा 48 नावों की व्यवस्था कर दी गई है। जो पानी बढ़ा है उसके दो दिन में घट जाने की संभावना है।

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