सीबीएसई रिजल्ट : चिकित्सक बनकर सेवा करना चाहती हैं एकता

98.8 फीसद अंक के साथ जिले में टाप पर रहीं केंद्रीय विद्यालय की छात्रा एकता शाक्य निवासी अमेठ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 10:34 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 10:34 PM (IST)
सीबीएसई रिजल्ट : चिकित्सक बनकर सेवा करना चाहती हैं एकता
सीबीएसई रिजल्ट : चिकित्सक बनकर सेवा करना चाहती हैं एकता

98.8 फीसद अंक के साथ जिले में टाप पर रहीं केंद्रीय विद्यालय की छात्रा एकता शाक्य निवासी अमेठी कोहना का सपना चिकित्सक बनकर सेवा करने का है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई में सभी गुरुजनों का सहयोग रहा, लेकिन कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा मदद मां गीता शाक्य ने की। पापा कौशल किशोर शाक्य ने कभी भी पढ़ाई के लिए दबाव नहीं बनाया। परीक्षा की तिथियां घोषित होने पर परेशान जरूर हुईं, लेकिन पापा-मम्मी ने कहा कि तनाव मुक्त होकर परीक्षा की तैयारी करो। तनाव में रहोगी तो तैयारी नहीं होगी। इसके बाद उन्होंने दबाव महसूस नहीं किया। कोरोना के चलते जब परीक्षा निरस्त होने की सूचना मिली तो निराश हुईं। हालांकि यह भी सोचा कि इस मुश्किल दौर में सरकार का निर्णय ठीक था। पिता कौशल किशोर शाक्य कहते हैं कि छोटा बेटा श्लोक भी केंद्रीय विद्यालय में ही पढ़ता है। दोनों बच्चों को पढ़ाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे। मैनेजमेंट क्षेत्र में करियर बनाने की चाह

आर्मी पब्लिक स्कूल फतेहगढ़ की छात्रा आकृति कुशवाहा ने 98.6 फीसद अंक पाकर दूसरा स्थान पाया है। रिजल्ट की जानकारी मिलते ही जेएनवी रोड निवासी उनकी मां रेनू, नाना सेवानिवृत्त सैनिक मुनेश्वर सिंह व भाई अभिषेक सिंह ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया और मिठाई खिलाई। आकृति ने बताया कि वह मैनेजमेंट के क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखती हैं। महिलाओं के उत्पीड़न को देखते हुए नारी सशक्तीकरण पर भी काम करेंगी। उन्होंने कहा कि अभी उनके जनपद को विदेश में नहीं जाना जाता। वह ऐसा काम करना चाहती हैं, जिससे जिले का नाम विदेश में भी हो। वह मीराबाई चानू व पीवी सिधु से प्रेरित हैं। मां रेनू राठौर ने पढ़ाई में बहुत मदद की। तनावमुक्त होकर करें पढ़ाई

सिविल लाइन फतेहगढ़ निवासी शिवसागर पांडेय की पुत्री अदिति पांडेय 98.4 फीसद अंक के साथ तीसरे स्थान पर आईं। अदिति कहती हैं कि पढ़ाई का कभी स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे तैयारी ठीक तरह से नहीं होती। हाईस्कूल परीक्षा में भी उन्होंने तनाव नहीं लिया और न ही इंटरमीडिएट परीक्षा की तैयारी में लिया। यह अलग बात है कि कोरोना के चलते परीक्षा निरस्त हो गई। परीक्षा होने पर भी उन्हें पूरी उम्मीद थी कि 98 प्लस अंक लाएंगी। वह सशस्त्र बल चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। बेटा-बेटी में लोग भेदभाव न करें। प्रोफेसर बनकर करेंगे देश का नाम रोशन

रोजी पब्लिक स्कूल में सीबीएसई 12वीं के छात्र सिद्धांत सिंह ने 98.2 फीसद अंक पाकर स्कूल में टाप किया व जिले में चौथे स्थान पर रहे। फतेहगढ़ के हाथीखाना निवासी सिद्धांत सिंह के पिता राहुल सिंह एक निजी हास्पिटल में आईसीयू के इंचार्ज हैं, लेकिन वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में नहीं जाना चाहते। वह कहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाएंगे। प्रोफेसर बनकर कामर्स के क्षेत्र में छात्रों को अच्छी शिक्षा देकर देश के विकास में सहयोग करेंगे। शिक्षा को ही उन्होंने अपना करियर चुना है। उनकी मां आशा सिंह गृहणी हैं। कामर्स के क्षेत्र में वह उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करेंगे ताकि आने वाली पीढ़ी को इस क्षेत्र में शिक्षित कर सकें। यही उनका मुख्य लक्ष्य है। आर्मी आफीसर बनकर करूंगा देशसेवा

98 फीसद अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहे केंद्रीय विद्यालय के छात्र आशीष सिंह निवासी लाइन कहते हैं कि उनके पापा राजीव कुमार सैनिक हैं, इसलिए वह आर्मी में आफीसर बनकर देश सेवा करना चाहते हैं। वह कहते हैं कि परीक्षा की तैयारी उन्होंने कर रखी थी, लेकिन परीक्षा निरस्त कर दी गई। अगर परीक्षा होती तो इससे ज्यादा अंक मिलते। पापा को सेना की वर्दी में देखकर हमेशा मन करता है कि एक दिन उनके शरीर पर भी सेना की वर्दी हो। सेना में अफसर बनने के लिए वह एनडीए की तैयारी करेंगे। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि खेलकूद से मन व मस्तिष्क दोनों ही स्वस्थ रहते हैं।

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