बेबसी की बाढ़ से जनमानस के साथ मवेशी भी बेहाल

संवाद सहयोगी अमृतपुर जलस्तर घटने के बाद भी रामगंगा खतरे के करीब बह रही हैं और गं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:03 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:03 PM (IST)
बेबसी की बाढ़ से जनमानस के साथ मवेशी भी बेहाल
बेबसी की बाढ़ से जनमानस के साथ मवेशी भी बेहाल

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : जलस्तर घटने के बाद भी रामगंगा खतरे के करीब बह रही हैं और गंगा चेतावनी बिदु के पार हैं। इस कारण अभी भी गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। कुछ ऊंचाई पर बसे घरों का पानी जरूर निकल गया, लेकिन उसमें कीचड़ भरा होने से जिदगी पटरी पर नहीं लौटी। रामगंगा की तेज धार से अहलादपुर भटौली के कई ग्रामीण बेघर हो गए हैं। गांवों में लोग बाढ़ के भरे पानी मे लगे हैंडपंप का पानी पीने को मजबूर हैं। बाढ़ प्रभावित गांव में ग्रामीणों के सामने ईंधन व मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है।

त्योहार के ऐनवक्त पर आई बाढ़ से बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों की जिदगी बेबस है। अहलादपुर गांव में बाढ़ का पानी भरने के कारण लोग सड़कों पर डेरा जमाकर पालीथिन के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं। घर में रखा अनाज भीगकर बर्बाद हो गया तो खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबकर। प्रशासन की ओर से भी कोई इम्दाद नहीं मिल रही है। यहां के राजेश सिंह बताते हैं कि रामगंगा के पानी में पक्का मकान कटकर बह गया। अब खुले आसमान में दिन काट रहे हैं। गंगा और रामगंगा का जलस्तर घटने से गांवों से बाढ़ का पानी निकलने लगा है। आशा की मड़ैया संपर्क मार्ग पर करीब ढाई फिट पानी बह रहा है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। रामपुर व अंबरपुर की मड़ैया में बाढ़ का पानी भरा है। बाढ़ के पानी से घिरे हैंडपंप से पानी पीने को मजबूर हैं। जोगराजपुर गांव में संपर्क मार्ग नहीं है। खेतों में भरे बाढ़ के पानी से ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। ग्रामीण तो किसी तरह से अपनी गुजर बसर कर ले रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत मवेशियों को है। लगातार कीचड़ और पानी में रहने के कारण खुरपका रोग फैलने की आशंका है। खेतों में पानी भरा होने के कारण उनके चारे का भी संकट पैदा हो रहा है। महिलाएं बाढ़ के पानी में घुसकर खेतों से गन्ने की पतेल आदि का इंतजाम कर पशुओं का पेट भर रही हैं।

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जलस्तर घटने के बाद भी रामगंगा खतरे के करीब

रामगंगा का जलस्तर 30 सेंटीमीटर घटकर खतरे के निशान के करीब 137.00 मीटर पर पहुंच गया है। खोह, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 11225 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर घटकर 136.70 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा चेतावनी बिदु से 10 सेंटीमीटर ऊपर हैं। नरौरा बांध से गंगा में 52787 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बाढ़ से ग्रामीणों के सामने ईंधन व मवेशियों के चारे की समस्या विकराल हो गई है।

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