कारोना महामारी ने बढ़ाई 'कुर्बानी' की भी कीमत
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उबरने के बावजूद शहर में
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : कोरोना महामारी की दूसरी लहर से उबरने के बावजूद शहर में बकरीद को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। शासन के निर्देशानुसार इस बार भी कोरोना प्रोटोकाल के तहत त्योहार मनाया जाएगा। महंगाई की मार बकरों की कीमतों पर भी दिख रही है। विगत वर्ष तक 10-15 हजार में मिलने वाला बकरा इस बार 15 से 20 हजार तक में बिका। यह हाल तब है जबकि कोरोना के शहर के कुटीर उद्योग 'जरदोजी कारोबार' पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव के चलते लोग बकरों की खरीद कम ही कर पा रहे हैं।
कमालगंज मंड़ी में अपना बकरे बेचने आए असगर अली ने बताया कि इस बार महंगाई का असर बकरों की कीमतों पर भी दिखाई दे रहा है। पिछले दो वर्षों की तुलना में बकरों की कीमतें लगभग 30 फीसद तक बढ़ी हैं। बकरों की खरीदारी करने आए जावेद खां ने बताया कि पिछले साल तक 10 हजार रुपये तक बिकने वाला बकरा इस बार 16 हजार से 17 हजार रुपये में मिल रहा है। दो साल पहले तक ऐसे ही बकरों की कीमत 10 से 15 हजार रुपये रहती थी। कीमतें कम होने के इंतजार में लोग अंतिम दिन तक रुके, लेकिन बकरों की कीमतों में कमी नजर नहीं आई। शहर में घुमना चौराहे के निकट मंगलवार शाम को लगे नखासे में बकरा व्यापारी शाहिद कुरैशी ने बताया कि इस साल दूसरे राज्यों जैसे पंजाब, राजस्थान और हरियाणा से बकरे नहीं आ पाए हैं। इसका असर बकरों की कीमतों पर पड़ा है। इस साल केवल आसपास के क्षेत्र के बकरों की ही बिक्री हो रही है।