केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी को भाकियू ने दिया ज्ञापन

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंच

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 11:16 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 11:16 PM (IST)
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी को भाकियू ने दिया ज्ञापन
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी को भाकियू ने दिया ज्ञापन

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की बर्खास्तगी और कृषि कानूनों की वापसी के अलावा जिले में अतिवृष्टि पीड़ित किसानों को उनकी फसल का मुआवजा दिलाए जाने की भी मांग की गई।

प्रभाकांत मिश्रा, संजीव सिंह, विश्वनाथ सिंह आदि के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इसके बाद प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को सौंपा। ज्ञापन में लखीमपुर कांड में मारे गए किसानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को तत्काल मंत्रीमंडल से बर्खास्त किए जाने के अलावा कृषि कानूनों को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने के अलावा विगत सप्ताह हुई अतिवृष्टि में बर्बाद हुई फसलों के सापेक्ष किसानों को मुआवजा दिलाए जाने और जनपद में डीएपी की कालाबाजारी समाप्त कराए जाने की भी मांग की गई।

किसान नेताओं ने ज्ञापन सौंपा

संसू, शमसाबाद : भारतीय किसान यूनियन हरपाल गुट के जिलाध्यक्ष रामबहादुर राजपूत व जिला महासचिव संजय गंगवार के संयुक्त नेतृत्व में नवीन मंडी स्थल पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री तथा जिलाधिकारी को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया। तहसीलदार ने ज्ञापन वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। नन्हेंलाल राजपूत, सत्यवान, रामवीर सिंह चौहान आदि किसान नेता मौजूद रहे।

रसोइयों को छह माह से नहीं मिला मानदेय: प्राथमिक स्कूलों में मिड-डे मील बनाने को 1500 रुपये पारिश्रमिक पर नियुक्त रसोइया को पिछले छह माह से भुगतान नहीं हुआ है। जिससे त्योहार के समय उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों के बच्चों को समय पर मिडडे मील बनाकर खिलाने वाली रसोइया महिलाओं को पिछले छह माह से पारिश्रमिक नहीं मिला है। नगर के अधिकांश प्राथमिक स्कूलों में 1500 रुपये के पारिश्रमिक पर रसोइया के तौर पर तैनात स्नातक व परास्नातक महिलाएं बच्चों को पढ़ाकर हजारों रुपये मासिक वाले अध्यापक का कार्य करती हैं, उन्हें भी पारिश्रमिक भी नहीं मिल पा रहा। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की रसोइया का कहना है कि दीपावली को एक सप्ताह रह गया है, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं मिल पाया। घर पर बच्चे त्योहार पर कपड़े व अन्य जरूरत के सामान की मांग करते है। सहायक शिक्षा अधिकारी यास्मीन रहमान ने बताया कि मार्च 2021 से रसोइया महिलाओं का पारिश्रमिक पूरे जनपद में नहीं आया है। जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को लिखा गया है। धन निर्गत होते ही भुगतान किया जाएगा।

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