मूए मुबारक की जियारत से दरगाह हुसैनिया पर उर्स की शुरुआत
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद शहर के मोहल्ला सूफी खां स्थित दरगाह हुसैनिया मुजबिया के 152व
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर के मोहल्ला सूफी खां स्थित दरगाह हुसैनिया मुजबिया के 152वें सालाना उर्स की तकरीबात बुधवार को मूए मुबारक की जियारत के साथ शुरू हुई। फातिहा के बाद सज्जादानशीन कारी शाह फसीह मुजीबी ने अकीदतमंदों के साथ दरगाह पर दुआ की।
उर्स की तकरी बात का दरगाह पर सुबह बाद नमाज फजिर कुरान ख्वानी के साथ आगाज किया गया और दरगाह की मस्जिद में ही सुबह 10 बजे मूए मुबारक की जियारत कराई गई। इस मौके पर मुकामी खानकाही कव्वाल मुन्ना मेहरबान ताज ने कलाम पेश किया। दरगाह के सज्जादा नशीन सैयद कारी शाह फसीह मुजीबी ने दरगाह पर फातिहा के बाद मुल्क और कौम के हक में दुआ फरमाई। नायब सज्जादा हिलाल मुजीबी ने कलाम पेश किया - एक मजहरे खुदा है हलीमा की गोद में, रहमत की इंतेहा है हलीमा की गोद में।
मोहल्ला दिलावरजंग में जलसा ईद मिलादुन्नबी का आयोजन किया गया। जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से किया गया। जलसे में मुकामी शायरों ने नातिया कलाम पेश किए। हाफिज कारी अनवर राजा, मौलाना नकी अली खान व मौलाना शमशाद अहमद चतुर्वेदी ने जलसे को संबोधित किया। काफी संख्या में लोगों ने पहुंचकर जलसे में शिरकत की। नातिया कलाम पढ़ने वालों में मौलाना जैनुल आबेदीन नूरी, हाफिज जैनुल, हाफिज फैजान रजा आदि शामिल रहे। जलसे का संचालन हाफिज अब्दुल बासित ने किया।