कक्षा पांच में बांदा तो कक्षा सात में कासगंज में पैदा हुए तुलसीदास

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बेसिक शिक्षा की देश में सबसे बड़ी संस्था उत्तर प्रदेश बेसिक शि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 07:41 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 07:41 PM (IST)
कक्षा पांच में बांदा तो कक्षा सात में कासगंज में पैदा हुए तुलसीदास
कक्षा पांच में बांदा तो कक्षा सात में कासगंज में पैदा हुए तुलसीदास

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बेसिक शिक्षा की देश में सबसे बड़ी संस्था उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद छात्रों को एक ही जानकारी अलग-अलग दे रहा है। अभी तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की गलत जन्मतिथि पढ़ाई जा रही थी तो अब भगवान राम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने वाले गोस्वामी तुलसीदास का जन्मस्थान भी दो जगहों पर होना बताया जा रहा है। कक्षा पांच की किताब कलरव में तुलसीदास का जन्मस्थल बांदा का राजापुर गांव तो कक्षा सात की पाठ्य पुस्तक मंजरी में जनपद कासगंज का सोरों अंकित किया गया है।

¨हदी की कक्षा पांच की पाठ्य पुस्तक कलरव के पेज नंबर 80 पर पाठ संख्या 14 भक्ति-नीति माधुरी में तुलसीदास का जन्म 1532 में बांदा जिले के गांव राजापुर में होना दर्शाया गया है। मृत्यु 1632 में दिखाई गई। वहीं कक्षा सात की ¨हदी पाठ्य पुस्तक मंजरी में पेज नंबर 39 में उनकी रचना के नीचे जीवन परिचय भी दिया गया है। जिसमें गोस्वामी तुलसीदास (1511-1623) जन्मस्थान सोरों कासगंज (एटा) अंकित है। जन्मतिथि को लेकर भी भ्रम की स्थिति है। जिले के कई स्थानों पर एक ही परिसर में प्राथमिक व जूनियर स्कूल हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बीच तुलसीदास के जन्मस्थान व जन्म तिथि को लेकर कई बार बहस भी छिड़ जाती है। मामला गुरु जी के पास पहुंचता है तो वह भी क्या करें। फिलहाल बच्चों को समझाने के लिए उनके पास भी कोई जवाब या विकल्प नहीं है। दोनों कक्षाओं की ¨हदी की किताबों में तुलसीदास का अलग-अलग जन्मस्थान अंकित होने की जानकारी हुई है। इस संबंध में वह उप्र पाठ्यपुस्तक अधिकारी को रिपोर्ट भेजेंगे। उनका निर्देश मिलने पर पाठ्य पुस्तकों में सुधार कराया जाएगा।

-राम सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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