आखिर पुलिस ने माना घर में भंडारित थी आतिशबाजी व विस्फोटक पदार्थ

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद रंगशाला संचालक के घर हुए विस्फोट में सिलिडर फटने की कह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 10:52 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 10:52 PM (IST)
आखिर पुलिस ने माना घर में भंडारित थी आतिशबाजी व विस्फोटक पदार्थ
आखिर पुलिस ने माना घर में भंडारित थी आतिशबाजी व विस्फोटक पदार्थ

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : रंगशाला संचालक के घर हुए विस्फोट में सिलिडर फटने की कहानी गढ़ रही पुलिस आखिरकार कुछ घंटे में ही बैकफुट पर आ गई। पुलिस ने आतिशबाजी, विस्फोटक पदार्थ भंडारित करने के आरोप में गृहस्वामी, दोनों मृतकों व घायल किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। जांच शुरू कर दी गई है। थाना मेरापुर के गांव देवसनी निवासी रंगशाला संचालक निरंजन लाल दिवाकर के घर रविवार शाम विस्फोट हुआ था, जिसमें उनके पुत्र अनुराग व गांव साहबगंज निवासी राममहेश उर्फ मन्ना की मौत हो गई थी। मन्ना का भाई अजीत गंभीर रूप से घायल है। उसका सैंफई स्थित मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने अलग-अलग बयान दिए। सीओ कायमगंज ने तो दावा किया था कि घर में सिलिडर फटने से विस्फोट हुआ है। कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने हलका दारोगा इला सिंह की ओर से मकान मालिक निरंजन लाल, उनके पुत्र अनुराग, गांव साहबगंज निवासी राममहेश उर्फ मन्ना एवं उसके भाई अजीत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार निरंजन लाल रंगशाला का काम करते हैं। सभी आरोपित विवाह समारोह में आतिशबाजी का काम करते थे। राममहेश व उसका भाई अजीत आतिशबाजी खरीद कर लाए थे। उसे निरंजन लाल की सहमति से घर में रखा गया था। मकान में आतिशबाजी, विस्फोटक पदार्थ का भंडारण करने व बनाने का लाइसेंस आरोपितों के पास नहीं था। महेश का एक हाथ और पैर नहीं मिला

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मलवे से निकाले गए महेश के शव का सोमवार को पोस्टमार्टम किया गया। उसका एक हाथ और पैर गायब मिला। घटनास्थल से भी उसका हाथ और पैर नहीं मिला।

गांव देवसनी निवासी निरंजन लाल के घर में मलवे से महेश का शव रविवार को निकाला गया था। पुलिस ने महेश का शव पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया था। सोमवार दोपहर को दारोगा नरसिंह यादव ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर पंचनामे की कार्रवाई की। डा. अनुराग वर्मा ने महेश जाटव का पोस्टमार्टम किया। बताया गया कि महेश का एक दाहिना हाथ, बाया पैर गायब था, पेट फटा हुआ था। पूरा शरीर जला हुआ था। विस्फोट से शरीर के सभी अंग क्षतिग्रस्त हो जाने से महेश की मौत हुई।

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