गांवों में बड़ी तादात में लोग खांसी-बुखार से पीड़ित

जागरण टीम फर्रुखाबाद पंचायत चुनाव के बाद गांवों की हालत सबसे ज्यादा खराब हो गईं। मुंबई

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:03 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 11:03 PM (IST)
गांवों में बड़ी तादात में लोग खांसी-बुखार से पीड़ित
गांवों में बड़ी तादात में लोग खांसी-बुखार से पीड़ित

जागरण टीम, फर्रुखाबाद : पंचायत चुनाव के बाद गांवों की हालत सबसे ज्यादा खराब हो गईं। मुंबई, दिल्ली, गुजरात से लौटे प्रवासियों के कारण यहां कोरोना का संक्रमण अधिक है। शायद ही कोई गांव ऐसा हो जहां 25-30 लोगों से अधिक जुकाम-बुखार और खांसी के लक्षण न हो। गांवों में झोलाछाप से इलाज लेकर यह लोग घरों में ही पड़े हैं। गांवों में बड़ी तादात में लोगों की मौत भी हुई, लेकिन सरकारी आंकड़ों में वह दर्ज नहीं हुईं।

शमसाबाद ब्लाक क्षेत्र के गांव मंझना को ही ले लिया जाए। इस वर्ष जब से कोरोना की दूसरी लहर आई है, तब से गांव में प्रधान पति समेत करीब 16 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा गांव में 30 से अधिक लोग खांसी, बुखार से पीड़ित हैं। यह हालात बताते हुए गांव के नवनिर्वाचित प्रधान सत्येंद्र कुमार ने बताया कि गांव में अभी तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से न तो सफाई करवाई गई और न ही दवा का छिड़काव कराया गया है। ऐसे में वह स्वयं ही गांव में दवा छिड़काने का प्रबंध करने जा रहे हैं।

इसी तरह मोहम्मदाबाद ब्लाक क्षेत्र के ज्योंता गांव के प्रधान अवधेश यादव ने बताया कि उनके गांव में विगत 10 दिनों में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। सभी को खांसी व बुखार आ रहा था। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया था। शिकायत पर मंगलवार को गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा वितरित की गई थी। इसके बावजूद 50 से अधिक लोग खांसी जुखाम बुखार से पीड़ित हैं। 'दीनारपुर गांव में कई लोग बुखार से पीड़ित हैं। गांव में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके गांव में नहीं आई।'

मेघसिंह राजपूत, दीनारपुर 'ग्राम पंचायत में बीते दो दिनों में छह लोगों की मौत के बावजूद सफाई व्यवस्था खराब है। गांव की नालियां बजबजा रही हैं। गांव का सफाई कर्मचारी सफाई करने भी नहीं आता है।'

नंदकिशोर गुप्ता, नई बस्ती

'गांव में दो दिनों में छह लोगों की मौत हुई है। इसकी सूचना पर गुरुवार को एडीएम विवेक श्रीवास्तव ने ककरया गांव का दौरा कर दवाएं वितरित की थीं। वह गांव को महामारी से बचाने के लिए स्वयं भी रणनीति तैयार कर रहे हैं।'

सर्वेश कुमार, ग्राम प्रधान, मोहनपुर दिनारपुर

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