चिकित्सकों समेत 452 बुजुर्गों ने लगवाई कोविड वैक्सीन

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद जनपद में शनिवार को 452 बुजुर्गों ने कोविड वैक्सीन लगवाई। इस बार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 10:39 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 10:39 PM (IST)
चिकित्सकों समेत 452 बुजुर्गों ने लगवाई कोविड वैक्सीन
चिकित्सकों समेत 452 बुजुर्गों ने लगवाई कोविड वैक्सीन

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जनपद में शनिवार को 452 बुजुर्गों ने कोविड वैक्सीन लगवाई। इस बार डॉ. हरिदत्त द्विवेदी व डॉ. राकेश दुबे ने भी वैक्सीनेशन कराया।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रभात वर्मा ने बताया कि लोहिया महिला, पुरुष, सिविल अस्पताल लिजीगंज और द केयर हॉस्पिटल में 452 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। इन चिकित्सालयों में प्रतिदिन वेक्सीनेशन किया जाएगा। जबकि सीएचसी पर सप्ताह में तीन दिन कोविड टीकाकरण किया जाएगा। एक नजर टीकाकरण पर

बूथ - लक्ष्य - वैक्सीनेशन

लोहिया अस्पताल पुरुष - 100 - 45

लोहिया महिला अस्पताल - 100 - 97

सिविल अस्पताल लिजीगंज - 100 - 79

द केयर हॉस्पिटल - 300 - 231

कुल - 600 - 452 कोरोना वारियर्स को किया सम्मानित

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : नगर पालिका परिषद के हॉल में शनिवार को कोरोना वारियर्स टीम का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल व अधिशासी अधिकारी ने वारियर्स को सम्मानित किया। अधिशासी अधिकारी रविद्र कुमार ने भी टीम को धन्यवाद दिया। टीम लीडर शिवम दीक्षित, रिकी, लक्ष्मी, कल्पना, अमित सक्सेना आदि मौजूद रहे। संचालन वैभव सोमवंशी ने किया। सात अल्ट्रासाउंड संचालकों को नोटिस जारी

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : नगर मजिस्ट्रेट व डिप्टी सीएमओ के संयुक्त निरीक्षण के दौरान विभिन्न अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच में मिली खामियों के आधार पर जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह ने सात संचालकों को नोटिस जारी कर दिए हैं। नोटिस का जवाब देने के लिए संबंधित को एक सप्ताह का समय दिया है।

जिन संचालकों व अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए हैं उनमें पालीवाल मेडीकेयर आवास विकास तिराहा, मार्डन अल्ट्रासाउंट, बढ़पुर, द केयर हॉस्पिटल आवास विकास, शिव हास्पिटल बढ़पुर, शरद अल्ट्रासाउंड व फरीदी हॉस्पिटल कायमगंज और फरहत अल्ट्रासाउंड शमसाबाद शामिल हैं। जारी नोटिस के अनुसार निरीक्षण के समय सेंटर के बाहर भ्रूण लिग निर्धारण कानून संबंधी चेतावनी पट्टिका नहीं लगी मिली। पंजीकरण प्रमाण-पत्र की प्रति का प्रदर्शन नहीं किया गया था। दो वर्ष तक के अभिलेख संरक्षित नहीं पाए गये व एप्रिन पर चिकित्सक व अल्ट्रासोनोलॉजिस्ट के नाम व पदनाम की पट्टिका लगी नहीं मिली।

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