रामायण कालीन वनस्पतियों से आच्छादित होगी रामनगरी

कोरोना संकट ने पर्यावरण का महत्व भी अच्छी तरह से

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 10:55 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 10:55 PM (IST)
रामायण कालीन वनस्पतियों से आच्छादित होगी रामनगरी
रामायण कालीन वनस्पतियों से आच्छादित होगी रामनगरी

अयोध्या : कोरोना संकट ने पर्यावरण का महत्व भी अच्छी तरह से समझाया है। रामनगरी इसे पूरी तरह आत्मसात कर अपने वातावरण सेहतमंद करेगी। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर नगर निगम ने संपूर्ण रामनगरी को रामायण कालीन वनस्पतियों से आच्छादित करने का निर्णय लिया है। रामायण में वर्णित अशोक, पीपल, बरगद, बेल, आंवला, मौलश्री, जामुन, पाकड़, हरसिगार व कदम सहित अन्य प्रजातियों का पौधा रोपित करने की योजना पर कार्य चल रहा है।

इसके पीछे मंशा रामायण कालीन वनस्पतियों को पुनस्र्थापित करने के साथ ही नगरी को पर्यावरणीय ²ष्टि से समृद्ध करना है। नगर आयुक्त विशाल सिंह के अनुसार ऐसे पौधों के रोपण को प्राथमिकता दी जाएगी, जो अधिक मात्रा में आक्सीजन उत्सर्जित करते हैं, जिसमें नीम, पीपल, बरगद और तुलसी प्रमुख हैं। पौधा रोपण आरंभ करने के लिए नगर निगम मानसून का इंतजार कर रहा है। इससे पहले पर्याप्त पौधा प्राप्त करने के लिए शासन का सहयोग लिया जाएगा। नगर निगम करीब दो लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य मान कर चल रहा है। नगर निगम में शामिल गांवों में भी होगा पौधा रोपण

रामायण कालीन पौधे परिक्रमा मार्गाें की शोभा तो बढ़ाएंगे ही साथ ही इन्हें नगर निगम क्षेत्र में आने वाली सभी कॉलोनियों में भी रोपित करने की योजना तैयार की गई है। नगर निगम सीमा में शामिल 41 गांवों में स्थित सरकारी भूमि का भी उपयोग पौधे लगाने में किया जाएगा। इसके लिए सरकारी भूमि को चिह्नित करने का कार्य किया जा रहा है।

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वाल्मीकी रामायण में वर्णित पौधों को रोपित करने की योजना बनाई गई है। इसका मकसद लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से पेड़-पौधों से जोड़कर पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाना है।

विशाल सिंह, नगर आयुक्त, अयोध्या नगर निगम

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