कोरोना के भय के बीच बोर्ड उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन

अयोध्या अव्यवस्था व कोरोना से डर के माहौल के बीच यूपी बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हो गया। चार केंद्रों पर कोरोना से बचाव के इंतजाम न के बराबर रहे। केंद्र प्रभारियों की गुहार का असर सीएमओ व नगर निगम आयुक्त पर नहीं दिखा। कोई भी व्यवस्था केंद्र पर नहीं दिखी। इससे शिक्षकों में भय का माहौल रहा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 11:16 PM (IST) Updated:Tue, 17 Mar 2020 06:07 AM (IST)
कोरोना के भय के बीच बोर्ड उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन
कोरोना के भय के बीच बोर्ड उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन

अयोध्या: अव्यवस्था व कोरोना से डर के माहौल के बीच यूपी बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हो गया। चार केंद्रों पर कोरोना से बचाव के इंतजाम न के बराबर रहे। केंद्र प्रभारियों की गुहार का असर सीएमओ व नगर निगम आयुक्त पर नहीं दिखा। कोई भी व्यवस्था केंद्र पर नहीं दिखी। इससे शिक्षकों में भय का माहौल रहा। मूल्यांकन शुरू जरूर हुआ पर अधिकांश शिक्षकों ने मूल्यांकन पखवारे भर स्थगित करने की मांग की। केंद्रों पर सफाई तो थी पर हाथ धुलने का न तो साबुन था और न ही सैनिटाइजर ही उपलब्ध रहा। जीआइसी व जीजीआइसी केंद्र पर हाईस्कूल तथा अन्य दो केंद्रों पर इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होना है।

पहले दिन कुल 2677 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो सका। सबसे अधिक एक हजार 75 उत्तरपुस्तिकाएं एमएलएमएल इंटर कॉलेज केंद्र पर तथा सबसे कम 188 उत्तरपुस्तिकाएं राजकीय बालिका इंटर कॉलेज केंद्र पर जांची गईं। डिप्टी हेड व परीक्षकों की उपस्थिति पर सवाल उठे। हालांकि केंद्र प्रभारी मानते हैं कि दूसरे दिन सुधार आएगा और उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की गति बढ़ेगी। एमएलएमएल इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य अशोक तिवारी ने बताया कि डिप्टी हेड 45 की तैनाती थी, जिसमें 35 उपस्थित हुए। 416 में से 187 परीक्षक ही आये। एक हजार 75 उत्तरपुस्तिका जांची गई। इसी तरह जीजीआइसी की प्रधानाचार्य सुनील लता ने बताया कि 78 डिप्टी हेड में से 50 उपस्थित रहे तथा 741 में 277 परीक्षक पहुंचे।

188 उत्तरपुस्तिका मूल्यांकित हुईं। एसएसवी प्रधानाचार्य डॉ. मणिशंकर तिवारी ने बताया कि 50 में से 32 डिप्टी हेड तथा 434 में से 164 परीक्षक ही केंद्र पर पहुंचे। 839 उत्तरपुस्तिकाएं जांची गईं। जीजीआइसी के प्रधानाचार्य गोविदराम ने बताया कि 53 में से 35 डिप्टी हेड तथा 536 में 222 परीक्षक ही मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचे। 575 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो सका।

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